SBI रिसर्च ने दी चेतावनी, अमेरिकी लोगों पर भारी पड़ेगा ट्रंप का टैरिफ, डॉलर की ‘औकात’ भी घटेगी

SBI रिसर्च के एक नोट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए 25% टैरिफ से भारत से कहीं ज्यादा असर अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि GDP घटने, महंगाई बढ़ने के साथ ही अमेरिका को डॉलर कमजोर होने जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

ट्रंप टैरिफ का असर Image Credit: AI/canva

SBI Research Report on Trump Tariff On India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 25 फीसदी टैरिफ का एलान किया है. ट्रंप लगातार भारत को निशाना बना रहे हैं. लेकिन, असल में ट्रंप टैरिफ के जरिये अमेरिकी लोगों के लिए मुसीबत बढ़ा रहे हैं. SBI रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में ट्रंप की तरफ से भारत पर लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ को “खराब व्यापारिक निर्णय” बताया गया है.

अमेरिकी इकोनॉमी के लिए खतरा

रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रंप का फैसला असल में अमेरिकी इकोनॉमी के लिए बड़ा खतरा है. इसकी वजह से अमेरिकी GDP घटने, महंगाई बढ़ाने और डॉलर के कमजोर होने की व्यापक संभावनाएं हैं. वहीं, भारत के लिए नुकसान सीमित रहेगा, क्योंकि भारत की इकोनॉमी निर्यात से ज्यादा घरेलू खपत पर निर्भर करती है. इसके अलावा भारत का निर्यात बाजार भी काफी हद तक डायवर्सिफाइड है.

अमेरिकी GDP पर बड़ा खतरा: रिपोर्ट के मुताबिक, टैरिफ के कारण अमेरिकी GDP में 40-50 बेसिस प्वाइंट तक की गिरावट हो सकती है.

महंगाई 2026 तक 2% से ऊपर: उपभोक्ता कीमतों में 2% की शॉर्ट टर्म और 1.2% की लॉन्ग टर्म वृद्धि की आशंका जताई गई है.

अमेरिकी परिवारों पर बोझ: औसत अमेरिकी परिवार पर सालाना $2,400 (लगभग ₹2 लाख) का अतिरिक्त खर्च बढ़ सकता है। कम आय वाले परिवारों को $1,300 और उच्च आय वालों को $5,000 तक का नुकसान हो सकता है.

भारत पर सीमित असर: भारत की GDP वृद्धि FY26 में 25-30 बेसिस प्वाइंट घट सकती है, लेकिन विविध निर्यात बाजार होने से प्रभाव सीमित रहेगा.

भारत के ये सेक्टर होंगे प्रभावित

रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स, जेम्स एंड जूलरी, फार्मास्यूटिकल्स और मशीनरी जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. भारतीय दवा कंपनियों की 40% से 50% कमाई अमेरिकी बाजार से आती है. अगर टैरिफ लंबे समय तक लागू रहते हैं, तो उनकी 2-8% तक की आय घट सकती है. वहीं, अमेरिका में दवाओं की कमी और कीमतों में उछाल का खतरा है.

व्यापार बनाम दबाव की राजनीति

यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब भारत-अमेरिका ट्रेड और टैरिफ पर डील के लगातार बात कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कदम असल में दबाव की राजनीति है. इसके पीछे भारत और BRICS का बढ़ता प्रभाव भी हो सकता है. SBI रिसर्च ने चेतावनी दी कि ऐसे टैरिफ वैश्विक व्यवस्था को बिगाड़ सकते हैं और डॉलर की ताकत को कमजोर कर सकते हैं.

क्या है भारत की रणनीति?

टैरिफ के दबाव के बाद भी इस साल की पहली तिमाही में अमेरिका को भारत से होने वाले निर्यात में 22.3% वृद्धि हुई है. इससे निर्यातकों को फिलहाल राहत मिली है. इसके अलावा सरकार अमेरिका के साथ व्यापार में भुगतान संतुलन लाने के लिए अमेरिका से कुछ नए उत्पादों का आयात बढ़ाने पर भी विचार कर रही है. SBI रिसर्च का कहना है कि टैरिफ से भारत को चुनौतियां मिलेंगी, लेकिन अमेरिका को इससे ज्यादा नुकसान होगा. बढ़ती लागत, लगातार महंगाई और उपभोक्ताओं पर दबाव अंततः अमेरिका को बातचीत की मेज पर वापस ला सकता है.