EV क्रांति का पोस्टर बॉय मुश्किल में! ₹157 से ₹30 तक का सफर… Bhavish की बिकवाली ने Ola पर खड़े किए बड़े सवाल

EV क्रांति का बड़ा चेहरा माने जाने वाले Bhavish Aggarwal इन दिनों जूझते नजर आ रहे हैं. दिसंबर 2025 में महज तीन दिनों के भीतर Ola Electric के फाउंडर और CEO ने करीब 9.65 करोड़ शेयर बेच दिए. इस बिकवाली से उन्हें लगभग ₹324.6 करोड़ मिले.

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Ola Electric: Bhavish Aggarwal इन दिनों मुश्किल में हैं. दिसंबर 2025 में महज तीन दिनों के भीतर Ola Electric के फाउंडर और CEO ने करीब 9.65 करोड़ शेयर बेच दिए. इस बिकवाली से उन्हें लगभग ₹324.6 करोड़ मिले. पहले से ही साल भर में करीब 60 फीसदी टूट चुके शेयर के लिए यह खबर रिटेल निवेशकों के भरोसे पर बड़ा झटका साबित हुई. बाजार में यह धारणा बनने लगी कि क्या फाउंडर को खुद अपनी कंपनी के भविष्य पर भरोसा नहीं रहा. कंपनी का कहना है कि यह कदम केवल फाइनेंशियल clearance और शेयरों पर रखे कर्ज को खत्म करने के लिए उठाया गया.

72 घंटे में ₹324 करोड़ की बिकवाली

यह शेयर बिक्री किसी एक डील में नहीं हुई, बल्कि 72 घंटे के भीतर तीन अलग-अलग दिनों में की गई. 16 दिसंबर को 2.62 करोड़ शेयर ₹34.99 के भाव पर बेचे गए, जिससे करीब ₹92 करोड़ जुटे. 17 दिसंबर को बिकवाली और तेज हुई और 4.19 करोड़ शेयर ₹33.96 पर बेचे गए, जिनकी कीमत लगभग ₹142 करोड़ रही. 18 दिसंबर को आखिरी चरण में 2.83 करोड़ शेयर ₹31.90 पर बेचे गए और करीब ₹90 करोड़ मिले. इन सौदों के बाद Ola Electric का शेयर ₹30.79 के नए ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया, जो अगस्त 2024 के हाई ₹157 से करीब 80% नीचे है.

Krutrim AI के लिए Ola की कुर्बानी?

फाउंडर की इस बिकवाली के पीछे सबसे बड़ी वजह उनका AI स्टार्टअप Krutrim बताया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, Bhavish Aggarwal ने Krutrim को फंड देने के लिए Ola Electric के शेयर गिरवी रखकर करीब ₹260 करोड़ का लोन लिया था. जैसे-जैसे Ola के शेयर गिरते गए, कर्ज का जोखिम बढ़ता चला गया. इसी खतरे से बचने के लिए शेयर बेचे गए. कंपनी का दावा है कि अब पूरा लोन चुका दिया गया है और Ola Electric अब “Zero Pledge” की स्थिति में आ चुकी है.

खर्च घटा, लेकिन कमाई भी ढह गई

जहां कंपनी गवर्नेंस सुधार की बात कर रही है, वहीं कारोबारी आंकड़े चिंता पैदा करते हैं. FY26 की दूसरी तिमाही में Ola Electric का रेवेन्यू घटकर ₹690 करोड़ रह गया, जो पिछले साल की समान तिमाही के ₹1,214 करोड़ से 43% कम है. इस दौरान कंपनी को ₹418 करोड़ का नेट लॉस हुआ. हालांकि घाटा पिछले साल से कुछ कम है, लेकिन यह सुधार मुख्य रूप से खर्च में भारी कटौती के कारण हुआ है. बिक्री और डिलीवरी में बढ़ोतरी न होना इस बात का संकेत है कि कंपनी का ग्रोथ इंजन कमजोर पड़ चुका है.

मार्केट लीडर से पांचवें नंबर तक का सफर

एक समय EV टू-व्हीलर बाजार पर राज करने वाली Ola Electric अब पांचवें स्थान पर खिसक चुकी है. TVS Motor और Bajaj Auto ने अपने मजबूत सर्विस नेटवर्क और भरोसेमंद ब्रांड इमेज के दम पर बाजार में बढ़त बनाई है. वहीं Ather Energy प्रीमियम सेगमेंट में मजबूत बनी हुई है और Hero Vida ने भी अच्छी पकड़ दिखाई है. नवंबर 2025 में Ola की बिक्री घटकर सिर्फ 8,400 यूनिट रह गई, जो निवेशकों के लिए बड़ा चेतावनी संकेत है.

निवेशकों के लिए तीन बड़ी चेतावनियां

इस पूरे घटनाक्रम में निवेशकों के लिए तीन बड़े खतरे साफ दिखते हैं. पहला, फाउंडर का फोकस Ola Electric से हटकर दूसरे वेंचर की ओर जाता नजर आता है. दूसरा, कई राज्यों में सर्विस और रेगुलेटरी दिक्कतों ने ब्रांड की साख को नुकसान पहुंचाया है. तीसरा, गवर्नेंस की छवि कमजोर हुई है, क्योंकि जब फाउंडर खुद ₹32 के आसपास शेयर बेचता है, तो बाजार के लिए ₹76 के IPO भाव को सही ठहराना मुश्किल हो जाता है.

डेटा सोर्स: FE, Groww

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