भारत-पाक घमासान के दौरान शेयर मार्केट में निवेशकों के लिए क्या है राय, Kotak Mutual Fund ने दी नसीहत
सीमा पर हलचल और देश के अंदर बेचैनी! ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की खबर के बाद निवेशकों के मन में सवाल उठ रहे हैं. बाजार टूटेगा या फिर से उड़ेगा? इतिहास क्या कहता है और विशेषज्ञों की राय क्या है? जानिए वो अहम तथ्य जो आपके पैसे को बचा सकते हैं.
एक रात की खामोशी के बाद, जब देश की नींद टूटी, तब एक नई कार्रवाई का एलान हो चुका था- ‘ऑपरेशन सिंदूर’. भारतीय सेना ने बीती रात पाकिस्तान और POK में आतंकियों के 9 बेस कैंप पर सर्जिकल स्ट्राइक कर बीते पहीलगाम हमले का जवाब दिया. तहत की गई कार्रवाई ने एक बार फिर निवेशकों के बीच बेचैनी पैदा कर दी है. हालांकि आज बाजार पॉजिटिव था लेकिन मौजूदा हालात ने निवेशकों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए है. और इन्ही सवालों के जवाब कोटक म्यूचल फंड ने अपने एक रिपोर्ट के जरिए दिया है.
पहले भी हुए हमले, फिर भी बाजार मजबूत
2016 की उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय भी बाजारों में हलचल जरूर हुई लेकिन ये ज्यादा दिन नहीं चलीं. उदाहरण के लिए, उरी हमले के एक साल बाद निफ्टी ने 11.3 फीसदी का रिटर्न दिया, जबकि बालाकोट हमले के बाद 8.9 फीसदी का.
रिपोर्ट बताती है कि 1999 के करगिल युद्ध के दौरान जब युद्ध छिड़ा, तो निफ्टी 8.3 फीसदी टूटा. लेकिन जब युद्ध खत्म हुआ, तब अगले एक साल में निफ्टी ने 29.4 फीसदी का रिटर्न दिया. इतना ही नहीं, GDP ग्रोथ भी 6.18 फीसदी से बढ़कर 8.85 फीसदी पहुंच गई.
रक्षा खर्च का प्रभाव
युद्ध के बाद सरकारों का फोकस अक्सर रक्षा खर्च पर होता है. करगिल के बाद, GDP में रक्षा बजट का हिस्सा बढ़ा और पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में इजाफा हुआ. यह खर्च पेंशन और वेतन के अलावा हथियारों और टेक्नोलॉजी में हुआ.
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विशेषज्ञों की राय में अगर युद्ध लंबा नहीं चलता, तो बाजार में स्थिरता लौट सकती है. SIP को जारी रखना और अगर संभव हो तो टॉप-अप करना समझदारी होगी. घबराकर निवेश बेचने की जरूरत नहीं है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.