735 करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक, 5 साल में 4293% रिटर्न, इस डिफेंस स्टॉक पर निवेशकों की पैनी नजर; देखें फंडामेंटल
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड भारत के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में तेजी से उभर रही है. इसका वित्तीय प्रदर्शन, मजबूत ऑर्डर बुक, और भविष्य की योजनाएं इसे एक ऐसी कंपनी बनाती हैं जो निवेशकों का ध्यान खींच रही है. अगर कंपनी अपने 45-50 फीसदी की इनकम बढ़ोतरी के लक्ष्य को हासिल कर लेती है, तो यह रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा नाम बन सकती है.

Apollo Micro Systems Ltd: अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (AMS) भारत के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में काम करती है. यह कंपनी मिसाइल प्रोग्राम, एवियोनिक्स, जहाजों और पनडुब्बियों के लिए सिस्टम बनाती है. इसके अलावा, यह सैटेलाइट, अंतरिक्ष सिस्टम और होमलैंड सिक्योरिटी के लिए भी काम करती है. यह कंपनी भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती है. ऐसे में आइए, इस कंपनी के बारे में विस्तार से जानते है. साथ ही हम इसका वित्तीय प्रदर्शन और यह भविष्य में कितनी तरक्की कर सकती है इसपर भी नजर डालेंगे.
कंपनी का काम
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स भारत की डिफेंस जरूरतों के लिए जरूरी उपकरण और सिस्टम बनाती है. यह कंपनी मिसाइल, जहाज, पनडुब्बी, और अंतरिक्ष से जुड़े प्रोजेक्ट्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल उपकरण डिजाइन करती और सप्लाई करती है. यह भारत की रक्षा सिस्टम को और मजबूत करने में मदद करती है. कंपनी का काम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में भी है, जो भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” पहल से जुड़ा है.
कंपनी की वित्तीय स्थिति
हाल ही में, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स की मार्केट कैप 10,174.4 करोड़ रुपये है. इसका शेयर शुक्रवार को 305.05 रुपये पर बंद हुआ. पिछले एक साल में इस शेयर ने 194 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है, यानी निवेशकों का पैसा लगभग तीन गुना हो गया. पिछले एक महीने में ही शेयर ने 70 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है, जो इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है.

पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में कंपनी की आय 134 करोड़ रुपये रही. यह पिछले साल की तुलना में 47 फीसदी ज्यादा है. हालांकि, पिछली तिमाही की तुलना में इसमें 17 फीसदी की कमी आई. कंपनी का मुनाफा 18 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 125 फीसदी ज्यादा है और पिछली तिमाही से 29 फीसदी अधिक है. कंपनी का EBITDA 40.9 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 22.4 करोड़ रुपये से 83 फीसदी ज्यादा है. EBITDA मार्जिन भी 25 फीसदी से बढ़कर 31 फीसदी हो गया, जो दर्शाता है कि कंपनी अपनी लागत को अच्छे से नियंत्रित कर रही है और ज्यादा मुनाफा कमा रही है.
शेयरहोल्डिंग पैटर्न (जून 2025)
शेयरधारक | हिस्सेदारी (%) |
---|---|
प्रमोटर्स (Promoters) | 50.65% |
विदेशी निवेशक (FIIs) | 7.16% |
घरेलू निवेशक (DIIs) | 1.61% |
आम जनता (Public) | 40.59% |
कंपनी का ऑर्डर बुक
जून 2025 तक, कंपनी के पास 735 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं. यह ऑर्डर बुक कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है, क्योंकि यह भविष्य में इनकम का एक बड़ा सोर्स है. कंपनी अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है. यह अपनी मौजूदा फैक्ट्रियों को अपग्रेड कर रही है और नई फैक्ट्रियां भी बना रही है. हैदराबाद में कंपनी की फैक्ट्रियां आधुनिक तकनीक से लैस हैं और रक्षा मंत्रालय के कड़े मानकों (DGQA) का पालन करती हैं.
कंपनी ने एक नई फैक्ट्री, इंटीग्रेटेड प्लांट फॉर इंजीनियस डिफेंस सिस्टम्स (IPiDS), बनाने का काम शुरू किया है. इसके अलावा, कंपनी ने अपनी तीसरी यूनिट में एक नया वैपन इंटीग्रेशन फैसिलिटी बनाया है. यूनिट 1 R&D पर ध्यान देगी, जबकि यूनिट 2 और 3 उत्पादन के लिए होंगी. यूनिट 3 को कंपनी का मुख्य उत्पादन केंद्र बनाया जा रहा है. इस यूनिट का पहला चरण पूरा हो चुका है, और दूसरा चरण चल रहा है.
डेटा सोर्स: BSE, Trade Brains, screener
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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