रेयर अर्थ को लेकर भारत की बड़ी तैयारी, 7300 करोड़ की योजना से मिलेगी रफ्तार; इन कंपनियों पर रखें नजर

भारत रेयर अर्थ मैग्नेट के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में 7,300 करोड़ रुपये की योजना से बड़ी छलांग लगा रहा है. सरकार की यह पहल घरेलू कंपनियों जैसे हिंदुस्तान जिंक, जीएमडीसी और एनएएलसीओ के लिए नए अवसर लेकर आई है. ये कंपनियां क्रिटिकल मिनरल्स के उत्पादन और प्रोसेसिंग में तेजी से विस्तार कर रही हैं. इस योजना से रेयर अर्थ उद्योग को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है.

रेयर अर्थ मैग्नेट्स Image Credit: AI Generated

Rare earth stocks: आजकल दुनिया भर में रेयर अर्थ मैग्नेट की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है. भारत भी इसमें पीछे नहीं है और अपनी तैयारियों को मजबूत कर रहा है. भारत रेयर अर्थ मैग्नेट के मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगा रहा है. सरकार ने घरेलू स्तर पर रेयर अर्थ मैग्नेट प्रोसेसिंग यूनिट और सप्लाई चेन स्थापित करने के लिए 73 अरब रुपये (7,300 करोड़ रुपये) की योजना को मंजूरी दे दी है. इस पहल से रेयर अर्थ मैग्नेट क्षेत्र की घरेलू कंपनियों को गति मिलने की संभावना है. अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं, तो आज हम आपको ऐसी कंपनियों के बारे में बताएंगे जिन पर आप नजर रख सकते हैं.

Hindustan Zinc

हिंदुस्तान जिंक, लेड और जिंक बनाने में भारत की सबसे बड़ी कंपनी है. अब कंपनी एक नए क्षेत्र में कदम रख रही है. यह अब ‘क्रिटिकल मिनरल्स’ यानी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण खनिजों का भी कारोबार शुरू करना चाहती है. विशेष रूप से, यह नियोडिमियम नामक एक रेयर अर्थ को निकालने और उसकी प्रोसेसिंग करने पर ध्यान दे रही है, जिसका इस्तेमाल मजबूत मैग्नेट बनाने में होता है.

इस दिशा में एक बड़ी कामयाबी यह मिली है कि हिंदुस्तान जिंक ने सरकार की नीलामी में एक महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक हासिल किया है. यह ब्लॉक ‘रेयर अर्थ मैग्नेट’ नामक खनिज का है. अगर शेयर की बात करें, तो शुक्रवार को यह 2.72 फीसदी गिरकर 498.30 रुपये पर पहुंच गया है. पिछले एक महीने में इसमें 14.35 फीसदी की तेजी आई है.

GMDC

जीएमडीसी (GMDC) कंपनी लंबे समय से गुजरात में कोयला और बॉक्साइट जैसे खनिज निकालने के लिए जानी जाती थी, लेकिन अब यह कंपनी अपना ध्यान नए और क्रिटिकल मिनरल्स की ओर मोड़ रही है. इस नई योजना के तहत, कंपनी गुजरात के छोटा उदेपुर जिले में अंबाडूंगर नामक स्थान पर दुनिया के सबसे बड़े ‘रेयर अर्थ डिपॉजिट’ के भंडार को विकसित कर रही है.

यहां पर एक आधुनिक खदान, प्रोसेसिंग प्लांट और कर्मचारियों के रहने की सुविधाएं बनाई जाएंगी. ये खनिज दुनिया भर के उद्योगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. अगर शेयर की बात करें, तो शुक्रवार को यह 3.77 फीसदी गिरकर 606.55 रुपये पर पहुंच गया है. पिछले एक महीने में इसमें 14.76 फीसदी की तेजी आई है.

NALCO

एनएएलसीओ (NALCO) मुख्य रूप से एल्युमीनियम बनाने के लिए जानी जाती है, लेकिन अब कंपनी अपने कारोबार का दायरा बढ़ा रही है. यह अब ऐसे “क्रिटिकल मिनरल्स” के क्षेत्र में भी कदम रख रही है, जिनकी आधुनिक तकनीक और उद्योगों में बहुत अहमियत है. इसके लिए NALCO ने दो तरह के प्रयास शुरू किए हैं. पहला, यह ज्वाइंट वेंचर KABIL का हिस्सा है, जिसने लिथियम जैसे जरूरी खनिजों की खोज के लिए अर्जेंटीना में पांच खदानें हासिल की हैं.

दूसरा, कंपनी खुद ऑस्ट्रेलिया में लिथियम रिफाइनिंग में निवेश की संभावना तलाश रही है और भारत में होने वाली नीलामियों में इन खनिजों के ब्लॉक हासिल करने की योजना बना रही है. शुक्रवार को इसका शेयर 2.29 फीसदी गिरकर 224.30 रुपये पर पहुंच गया है. पिछले एक महीने में इसमें 6.87 फीसदी की तेजी आई है.

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