भारत के इन 9 ‘वॉरेन बफेट’ के डूबे 14,474 करोड़, जानें रेखा झुनझुनवाला समेत इन दिग्‍गजों को किसने दिया झटका

मार्च तिमाही में भारत के वॉरने बफेट कहलाने वाले करीब 9 दिग्‍गज निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब गए. इससे उनके पोर्टफोलियो की वैल्‍यू में कमी आई है, सबसे ज्‍यादा नुकसान रेखा झुनझुनवाला, मुकुल अग्रवाल जैसे दिग्‍गजों को हुआ है, तो कितना गिरा उनका पोर्टफोलियो यहां करें चेक.

दिग्‍गजों के डूबे रुपये Image Credit: money9

Rekha Jhunjhunwala and other investors portfolio: भारत के दिग्‍गज निवेशकों को मार्च तिमाही में जोरदार झटका लगा है. भारत के वॉरेन बफेट कहलाने वाले इन निवेशकों की संपत्ति में तगड़ी गिरावट आई है. सबसे ज्‍यादा नुकसान रेखा झुनझुनवाला को हुआ है. एक साल में उनके करीब 10,691 करोड़ रुपये डूब गए, वहीं मुकुल अग्रवाल के 1,079 करोड़ और वहीं आशीष कचोलिया के 354 करोड़ रुपये डूबे हैं. प्राइमइन्फोबेस वेबसाइट के डेटा के मुताबिक इन निवेशकों के होल्डिंग्स की वैल्यू में 5 से 31 फीसदी तक की कमी आई. यह गणना उन अल्ट्रा-हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (UHNI) की होल्डिंग्स के आधार पर की गई, जिनके पास संबंधित कंपनियों में 1 फीसदी से ज्‍यादा इक्विटी शेयर्स है.

इन निवेशकों को लगा सबसे ज्‍यादा झटका

दिग्‍गज निवेशक रेखा झुनझुनवाला, मुकुल अग्रवाल, नेमिश शाह, आशीष कचोलिया, विजय केडिया, माधुसूदन केला, आशीष धवन, अनिल गोयल और आकाश भंसाली के पोर्टफोलियो में गिरावट देखने को मिली है. इन 9 दिग्‍गजों के कुल 14,474 करोड़ रुपये डूब गए हैं.

भारत के शीर्ष निवेशकों की होल्डिंग्स वैल्‍यू (1% से अधिक हिस्सेदारी वाली सूचीबद्ध कंपनियों में)

निवेशक31 दिसंबर 2024 को होल्डिंग31 मार्च 2025 को होल्डिंगबदलाव (%)नुकसान (करोड़ रुपये में)
रेखा झुनझुनवाला68,28557,594-15.710,691
आकाश भंसाली7,6906,975-9.3715
मुकुल अग्रवाल6,7125,633-16.11,079
आशीष धवन3,6433,358-7.8285
नेमिश शाह3,6223,028-16.4594
माधुसूदन केला2,7392,608-4.8131
अनिल गोयल1,9951,845-7.5150
आशीष कचोलिया2,0971,743-16.9354
विजय केडिया1,5491,074-30.7475

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किस वजह से दिग्‍गजों के डूबे पैसे?

रिपोर्ट के मुताबिक शेयर बाजार में कमजोरी के कारण दिग्‍गज निवेशकों को झटका लगा है. उनके पोर्टफोलियो के वैल्‍यू में भारी गिरावट दर्ज की गई. मार्च तिमाही में शेयर बाजार में मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में खासी बिकवाली देखी गई, जिसका असर इन बड़े निवेशकों के पोर्टफोलियो पर पड़ा. इस दौरान निफ्टी इंडेक्स में भी 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और घरेलू बाजार में बढ़ती अस्थिरता ने निवेशकों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी थीं.

निवेशकों ने कम की नई खरीदारी

आंकड़ों से पता चलता है कि इस तिमाही में बड़े निवेशकों ने नई हिस्सेदारी लेने में सतर्कता बरती है. बहुत कम निवेशकों ने 1 फीसदी से ज्‍यादा की नई खरीदारी की. वे बाजार की अनिश्चितता को ध्‍यान में रखते हुए सावधानी भरे रुख अपनाया है. विश्लेषकों का कहना है कि आने वाली तिमाहियों में बाजार की दिशा इन निवेशकों की रणनीतियों को और प्रभावित कर सकती है.