अनिल अंबानी की इस कंपनी ने हासिल किया बड़ा ठेका, SJVN के FDRE टेंडर में मिला 50% हिस्सा; शेयर में आई तेजी
भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में नई उपलब्धि दर्ज हुई है. 1500 MW / 6000 MWh FDRE टेंडर में सबसे बड़ा अलॉटमेंट जारी किया गया है, जिसमें 750 MW / 3,000 MWh की क्षमता एक ही संस्था को मिली है. यह प्रोजेक्ट 6.74 रुपये प्रति यूनिट की प्रतिस्पर्धी दर पर हासिल किया गया, जो भारत के ग्रीन एनर्जी मार्केट में एक नया बेंचमार्क साबित हुआ है.
Reliance Power Limited: भारत के एनर्जी सेक्टर में एक बार फिर अनिल अंबानी ग्रुप की बड़ी वापसी दिख रही है. Reliance Power Limited की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी Reliance NU Energies Private Limited को SJVN Limited द्वारा जारी 1500 MW / 6000 MWh फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (FDRE) ISTS टेंडर में सबसे बड़ा अलॉटमेंट प्राप्त हुआ है. DSIJ की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी को 750 MW / 3,000 MWh की क्षमता मिली है, जो कुल टेंडर का 50 फीसदी हिस्सा है. यह उपलब्धि न केवल रिलायंस समूह की रिन्यूएबल एनर्जी में पकड़ को मजबूत करती है, बल्कि भारत के 24×7 ग्रीन पावर सप्लाई मॉडल की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है.
भारत की एनर्जी क्रांति में बड़ा माइलस्टोन
यह टेंडर भारत में हाइब्रिड और स्टोरेज-आधारित रिन्यूएबल पावर सप्लाई की दिशा में एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है. Reliance NU Energies ने यह क्षमता 6.74 रुपये प्रति यूनिट की प्रतिस्पर्धी दर पर हासिल की है, जो भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी मार्केट में एक नया बेंचमार्क स्थापित करता है. इस प्रोजेक्ट में लगभग 900 MWp सोलर पावर इंस्टॉल्ड कैपेसिटी और 3,000 MWh की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) शामिल होगी, जिससे वितरण कंपनियों (DISCOMs) को स्थायी और डिस्पैचेबल ग्रीन एनर्जी सप्लाई मिलेगी.
रिलायंस ग्रुप का तेजी से बढ़ता क्लीन एनर्जी पोर्टफोलियो
सिर्फ एक वर्ष के भीतर, Reliance Group ने 4 GWp Solar और 6.5 GWh BESS का पोर्टफोलियो तैयार कर लिया है. यह चार प्रमुख सरकारी और Navratna Enterprises के साथ हुए टेंडर्स के माध्यम से हासिल किया गया है. इस तेजी से बढ़ते पोर्टफोलियो से यह स्पष्ट होता है कि रिलायंस समूह भारत के एनर्जी ट्रांजिशन और डीकार्बनाइजेशन गोल्स की दिशा में सबसे अग्रणी खिलाड़ियों में शामिल हो गया है.
कैसा है शेयर का हाल
Reliance Power Ltd भारत की प्रमुख निजी पावर जनरेशन कंपनियों में से एक है. कंपनी के पास कुल 5,305 MW का ऑपरेटिंग पोर्टफोलियो है, जिसमें Sasan Power Limited की 3,960 MW की क्षमता शामिल है, जो दुनिया का सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड कोयला आधारित पावर प्लांट है. पिछले सात वर्षों से Sasan Power को भारत का सबसे कुशलतापूर्वक संचालित पावर प्लांट माना जा रहा है.
फिलहाल Reliance Power का मार्केट कैप 17,000 करोड़ रुपये से अधिक है, और इसका शेयर अपने 52-Week Low 31.30 रुपये से 33.4 फीसदी ऊपर ट्रेड कर रहा है. बुधवार को इसका शेयर 1.26 फीसदी बढ़कर 41.71 रुपये पर बंद हुआ है.
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