SEBI Bans Ketan Parekh: घोटालेबाज की फिर मार्केट में एंट्री, अब किया इतना बड़ा कांड; जानें पूरा मामला
भारतीय इक्विटी बाजार के नियामक सेबी ने गुरुवार को कुख्यात ब्रोकर Ketan Parekh को शेयर बाजार से बैन कर दिया है. पारेख को सेबी की तरफ से पहले भी बैन किया गया था. 14 वर्ष के बैन के बाद पारेख फिर से बाजार में सक्रिय हुआ था.

बाजार नियामक सेबी ने गुरुवार को केतन पारेख सहित तीन व्यक्तियों को शेयर बाजार से तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया है. इन लोगों पर एक फ्रंट-रनिंग मामले में शामिल होकर 65.77 करोड़ रुपये का अवैध लाभ अर्जित करने का आरोप है. सेबी ने पारेख सहित 22 संस्थाओं की तरफ से अर्जित 65.77 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को जब्त करने का निर्देश दिया है.
सेबी ने केतन पारेख, रोहित सालगांवकर और अशोक कुमार पोद्दार को तत्काल प्रभाव से सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही सेबी ने 22 संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनसे रिकवरी की जाए, इसके साथ ही प्रतिबंध और जुर्माना लगाया जाए.
सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि इन संस्थाओं को आदेश प्राप्त होने की तारीख से 21 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करना होगा. 188 पेज के अंतरिम आदेश में सेबी ने कहा, “रोहित सालगांवकर और केतन पारेख ने फ्रंट-रनिंग गतिविधियों को संचालित करके बिग क्लांइट्स से जुड़ी नॉन पब्लिक इन्फॉर्मेशन ( एनपीआई) के जरिये अनुचित तरीके से धन कमाने की योजना बनाई.” इसके साथ ही सेबी ने आदेश में कहा है कि अशोक कुमार पोद्दार ने फ्रंट-रनिंग गतिविधियों में फैसिलिटेटर होने की बात स्वीकार की है.
ऐसे किया घोटाला
सेबी ने अपने आदेश में घोटाले की रणनीति का खुलासा करते हुए बताया कि “रोहित सलगांवकर और केतन पारेख ने फ्रंट-रनिंग गतिविधियों को अंजाम देकर अनुचित लाभ हासिल करने की पूरी योजना बनाई.वहीं, ‘बिग क्लाइंट’ के ट्रेडर्स, रोहित सलगांवकर से ट्रेड्स पर चर्चा करते थे. इसके बाद सलगांवकर इसकी जानकारी केतन पारेख को देता था. सेबी ने आगे बताया कि पारेख ने इस जानकारी का व्यवस्थित तरीके से इस्तेमाल किया. सेबी ने कहा कि केतन पारेख को पहले भी 14 साल के लिए बाजार से प्रतिबंधित किया गया था.”
सेबी की इंफॉर्मेशन फ्लो पर जानकारी
सेबी ने अपने आदेश में बताया कि इंफॉर्मेशन फ्लो की जांच में यह सामने आया कि रोहित सलगांवकर की उसके कनेक्शनों के जरिये “बिग क्लाइंट” के प्लान्ड ट्रेड्स से जुडी NPI तक पहुंच थी. सेबी ने अपने आदेश में बताया कि सलगांवकर ने स्वीकार किया कि बिग क्लाइंट के डीलर उसे उस स्टॉक का नाम बताते थे, जिनमें उनकी रुचि होती थी. बाद में सलगांवकर बाजार प्रतिभागियों, जैसे विदेशी फंड, भारतीय फंड, अन्य शेयर धारकों और अंत में केतन पारेख से उन स्टॉक्स की उलब्धता जांचता और 90% ‘बिग क्लाइंट’ ट्रेड्स केवल केतन पारेख ही पूरे करता था.
मोबाइल नंबर और वॉट्सएप मैसेज से हुई पुष्टि
सेबी ने अपने आदेश में बताया कि कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों के विश्लेषण से पता चला कि ये नंबर केतन पारेख के थे, जिनके जरिये रोहित सालगांवकर की तरफ से एनपीआई हासिल की जा रही थी. जबकि, केतन पारेख और अशोक कुमार पोद्दार को पहले से ही सिक्योरिटीज में लेन-देन करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था और अतीत में भी बाजार से जुड़ने पर रोक लगा दी गई थी. आदेश में कहा गया है कि सलगांवकर, पारेख और पोद्दार को तत्काल प्रभाव से शेयर बाजार से किसी भी तरह से जुड़ने और लेनदेन करने से रोका जाता है. सेबी का पूरा आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
नोटिस में ये 22 लोग हैं शामिल
सेबी ने जिन लोगों को बैन करने, उनसे रिकवरी करने और उन पर जुर्माना लगाने का नोटिस दिया है उनमें ये 22 लोग और संस्थाएं शामिल हैं. लोगों को बैन करने के साथ ही जिन लोगों

Latest Stories

Jane street के बाद SEBI ने की एक और कार्रवाई! इस कंपनी पर ठोका 55 लाख रुपये का जुर्माना, ऐसे कर रहे थे धोखाधड़ी

सन फार्मा, JSW Steel, IDFC First Bank समेत ये 45 कंपनियां अगले हफ्ते ट्रेड करेंगी Ex Dividend, चेक करें पूरी लिस्ट

Jane Street मामले के बाद SEBI चीफ का बड़ा बयान, कहा-मार्केट में हेरफेर नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
