कॉक्स एंड किंग्स पर फिर धोखाधड़ी का आरोप, प्रमोटर अजय केरकर समेत 8 के खिलाफ 105 करोड़ की ठगी का दर्ज हुआ मामला

कॉक्स एंड किंग्स के प्रमोटर अजय केरकर और आठ अन्य लोगों के खिलाफ एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज से 105 करोड़ की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है. उन पर 2012 से 2019 के बीच कॉरपोरेट क्रेडिट कार्ड सुविधाएं हासिल करने के लिए बैलेंस शीट में जालसाजी करने का आरोप है.

कॉक्स एंड किंग्स Image Credit: social media

Cox & Kings: टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी कॉक्स एंड किंग्स ग्रुप (CKG) एक बार फिर बड़ी धोखाधड़ी के आरोपों में घिर गई है. कंपनी के प्रमोटर अजय अजीत पीटर केरकर और आठ अन्य लोगों के खिलाफ एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड से 105 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में नया मामला दर्ज किया गया है. शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने अंधेरी थाने में एफआईआर दर्ज की है, जिसे अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपा गया है.

कैसे हुआ मामला दर्ज ?

दरअसल यह मामला एसबीआई कार्ड्स के सीनियर लीगल मैनेजर द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर सामने आया. शिकायत में आरोप है कि अप्रैल 2012 से जून 2019 के बीच अजय केरकर, उर्शिला केरकर और कंपनी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने आपस में साजिश रचकर कंपनी की फर्जी बैलेंस शीट तैयार की. इन बैलेंस शीट्स में कंपनी की वित्तीय स्थिति को अच्छा दिखाया गया ताकि कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड की सुविधा हासिल की जा सके.

कैसे की गई धोखाधड़ी?

शिकायत के मुताबिक, कंपनी ने दिखाया कि उसकी सहायक कंपनियों पर बड़ी रकम बकाया है जिससे कंपनी के व्यापार प्राप्तियों (receivables) में आर्टिफिशियल रूप से इजाफा किया गया. इसके जरिए उन्होंने एसबीआई कार्ड्स से सात कॉर्पोरेट कार्ड सुविधाएं ले लीं. लेकिन बाद में न समय पर पेमेंट किया और न ही ब्याज चुकाया. इससे एसबीआई कार्ड्स को कुल करीब 105 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा.

कौन-कौन आरोपी

एफआईआर में प्रमोटर अजय केरकर समेत कुल आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है. इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जालसाजी और जाली दस्तावेज का उपयोग, आपराधिक साजिश के लिए मामला दर्ज किया गया है और ईओडब्ल्यू आगे की जांच कर रहा है.

पहले भी फंसे हैं केरकर

यह पहला मौका नहीं है जब अजय केरकर कानूनी पचड़े में फंसे हैं. 2020-21 के दौरान, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने उन्हें कम से कम 3,000 करोड़ रुपये की 10 बैंक धोखाधड़ी मामलों में गिरफ्तार किया था. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के कई केस दर्ज किए. तब से अजय केरकर न्यायिक हिरासत में हैं.

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