Jane Street मामले के बाद SEBI चीफ का बड़ा बयान, कहा-मार्केट में हेरफेर नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने जेन स्ट्रीट पर की गई बड़ी कार्रवाई के बाद स्पष्ट किया कि बाजार में हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अमेरिकी हेज फंड Jane Street पर SEBI ने 4,843 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को लौटाने का आदेश दिया है, जो अब तक की सबसे बड़ी वसूली मानी जा रही है. SEBI ने इससे जुड़ी चार संस्थाओं पर ट्रेडिंग पर रोक भी लगाई है.
Jane Street: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने शनिवार को स्पष्ट रूप से कहा कि बाजार में किसी भी तरह की हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह बयान अमेरिकी हेज फंड जेन स्ट्रीट के खिलाफ कार्रवाई के एक दिन बाद सामने आया है. SEBI ने शुक्रवार को जेन स्ट्रीट ग्रुप पर डेरिवेटिव्स मार्केट में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए, उसके 4,843 करोड़ रुपये के अवैध लाभ की वसूली का आदेश दिया है. माना जा रहा है कि यह SEBI के इतिहास की सबसे बड़ी वसूली हो सकती है. नियामक ने जेन स्ट्रीट से जुड़ी चार संस्थाओं पर अगले आदेश तक ट्रेडिंग करने पर रोक लगा दी है.
निगरानी बढ़ाई गई
पत्रकारों से बातचीत में SEBI के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि बाजार में हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही कहा कि नियामक और एक्सचेंज स्तर पर निगरानी बढ़ा दी गई है. जब अन्य विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि SEBI किसी भी गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई करेगा.
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को सलाह
बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी के एक कार्यक्रम में पांडे ने कहा कि पारदर्शिता और कॉम्प्लायंसेस जरूरी हैं, लेकिन अत्यधिक नियमों का बोझ नहीं होना चाहिए. SEBI चेयरमैन ने कहा कि जरूरत से ज्यादा नियम और कागजी कार्रवाई न केवल कंपनियों पर बोझ डालती है, बल्कि असल मकसद को भी पूरा नहीं कर पाती. उन्होंने सुझाव दिया कि कम नियम, कम सूचना की आवश्यकता, और रेगुलेटर के सीमित हस्तक्षेप से भी बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं.
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SEBI ने दिया था 4,843.5 करोड़ रुपये जब्त करने का आदेश
SEBI ने अमेरिकी फर्म जेन स्ट्रीट और उससे जुड़ी तीन अन्य संस्थाओं पर भारतीय बाजार में प्रतिबंध लगा दिया है. आरोप है कि इन संस्थाओं ने बैंक निफ्टी और निफ्टी इंडेक्स की एक्सपायरी डेट पर क्लोजिंग प्राइस को प्रभावित करने का योजनाबद्ध प्रयास किया. SEBI ने इसे बाजार में हेराफेरी मानते हुए, इन फर्मों को 4,843.5 करोड़ रुपये की अवैध कमाई वापस करने का आदेश दिया है.