Hindenburg vs Adani मामले में SEBI ने जारी किया फाइनल ऑर्डर, कहा- सभी आरोप निराधार

SEBI ने Hindenburg की तरफ से अडानी समूह पर लगाए गए आरापों के मामले में फाइनल ऑर्डर जारी किया है. इस ऑर्डर में SEBI ने कहा है कि अडानी समूह पर लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं. लिहाजा, समूह की कंपनियों या प्रबंधन से जुड़े किसी व्यक्ति पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है.

हिंडनबर्ग ने अडानी के स्विस बैंक में जमा रुपए फ्रीज होने का किया दावा Image Credit: PTI/gettyimages

SEBI ने गुरुवार को Hindenburg के आरोपों से जुड़े मामले में अपना फाइनल ऑर्डर जारी कर दिया है. सेबी ने इस ऑर्डर में आडानी समूह को पूरी तरह क्लीनचिट दी है. SEBI के फाइनल ऑर्डर में आडानी पोर्ट्स, आडानी पावर और आडानी एंटरप्राइजेज को किसी भी तरह की जिम्मेदारी या जुर्माने से मुक्त कर दिया गया. इसके साथ ही आडानी परिवार के सदस्य, गौतम आडानी और राजेश आडानी भी इस मामले में बरी कर दिया है.

क्या था मामला?

अडानी बनाम हिंडनबर्ग मामला जनवरी 2023 में शुरू हुआ, जब अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म Hindenburg Research ने अडानी समूह पर स्टॉक मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड और ऑफशोर टैक्स हेवन के जरिए धन शोधन जैसे गंभीर आरोप लगाए. रिपोर्ट के मुताबिक समूह ने शेल कंपनियों के जरिए फंड घुमा कर अपने शेयरों की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ाई थीं. इस रिपोर्ट से अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई और निवेशकों का भरोसा हिल गया. इसके बाद सेबी ने जांच शुरू की, जो अब पूरी होकर क्लीनचिट में खत्म हुई.

SEBI ने फैसले में क्या कहा?

SEBI के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश चंद्र वर्शनेया ने अपने ऑर्डर में कहा कि इस मामले में जिन लोगों पर आरोप लगाए गए थे वे आरोप किसी भी तरह स्थापित नहीं हुए. इसीलिए किसी भी कंपनी या उसके प्रबंधन से जुड़े लोगों पर किसी तरह की जिम्मेदारी या जुर्माना लगाने का सवाल ही नहीं उठता है.

Adani Group की प्रतिक्रिया

इस मामले में अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को शुरुआत से ही पूरी तरह खारिज करते हुए इसे “बेसलेस, झूठा और व्यक्तिगत हितों से प्रेरित” बताया था. कंपनी ने कहा कि रिपोर्ट का मकसद अडानी ग्रुप की साख और निवेशकों के भरोसे को नुकसान पहुंचाना है. समूह ने जोर देकर कहा कि उनके सभी लेन-देन नियमों और भारतीय कानूनों के दायरे में हैं और कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है.

रिपोर्ट से कितना नुकसान हुआ?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के तुरंत बाद अडानी समूह के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली हुई थी और कुछ ही हफ्तों में कंपनी के मार्केट कैप से करीब 100 अरब डॉलर (लगभग 8.2 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा का नुकसान हो गया था. रिपोर्ट के चलते निवेशकों का भरोसा हिला, अडानी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ भी दबाव में आ गया और कई शेयरों ने 50% से अधिक की गिरावट देखी.