ऐसे SEBI के शिकंजे में आए संजीव भसीन, पर्दे के पीछे से चलता था खेल, पहली बार इस तरीके से जुटाए गए सबूत
जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे खेल में संजीव भसीन के कजिन ललित भसीन भी शामिल थे, जिन्होंने इन संदिग्ध ट्रेड्स में मदद की. वहीं RRB मास्टर सिक्योरिटीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष कपूर ने इस योजना के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया. इसके जरिए ग्रे मार्केट में गजब का खेल चल रहा था.

SEBI Action On Sanjeev Bhasin: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो एक नाम संजीव भसीन से शायद परिचित जरूर होंगे. ये विशेषज्ञ आपको किसी न किसी बिजनेस साइट या टीवी पर शेयरों पर अपनी राय देते नजर आए ही होंगे. छोटे निवेशक अक्सर ऐसे विशेषज्ञों की सलाह पर भरोसा कर लेते हैं. जिसका असर शेयर के भाव पर देखने को मिलता है. लेकिन भसीन अब SEBI की सख्त कार्रवाई के घेरे में आ गए हैं. SEBI ने भसीन पर फ्रंट-रनिंग का गंभीर आरोप लगाते हुए करीब 12 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया है. मजे की बात तो ये है कि सेबी को इसके लिए कॉल ट्रांसक्रिप्ट का सहारा लेना पड़ा. ऐसा पहली बार हुआ कि सेबी को इसका सहारा लेना पड़ा. इसके बाद सेबी ने भसीन को बाजार में बैन कर दिया है. उनके साथ एक स्टॉकब्रोकर और एक डीलर पर भी कार्रवाई हुई है.
क्या है फ्रंट-रनिंग?
फ्रंट-रनिंग वह प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति किसी बड़ी खरीद या बिक्री की जानकारी पहले से पाकर खुद उसी शेयर में ट्रेड करता है ताकि कीमत में बदलाव के बाद लाभ कमा सके. इससे निवशक फंस जाते हैं जो बाजार का काला सच है.
कॉल रिकॉर्ड्स और WhatsApp चैट से खुली पोल
SEBI की इस कार्रवाई में सबसे बड़ी खासियत है कि उन्होंने इस बार सिर्फ कॉल रिकॉर्ड ही नहीं, बल्कि कॉल ट्रांस्क्रिप्ट, WhatsApp चैट्स, IP डेटा और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDRs) का उपयोग करते हुए पूरा मामला तैयार किया.
डीलर और स्टॉकब्रोकर भी फंसे
भसीन खुद ट्रेड नहीं करते थे, बल्कि उनके लिए एक डीलर ट्रेड करता था. यही डीलर भसीन के कहने पर पहले खुद शेयर खरीदता और बाद में बड़ी खरीदारी करवाता था जिससे शेयर की कीमत ऊपर जाती और डीलर को मुनाफा होता. SEBI ने इस डीलर को भी दोषी माना है.
कैसे हो रहा था खेल
मान लीजिए किसी विशेषज्ञ ने किसी शेयर (जैसे Vedanta) को 450 रुपये पर खरीदा. फिर वो टीवी पर आकर कहें कि इसे 460 पर खरीदो. यानी सलाह देकर आम लोगों को खरीदने के लिए उकसाते हैं. जब लोग खरीदते हैं तो शेयर का दाम बढ़ता है, और ऐसे विशेषज्ञ को मुनाफा हो जाता है.
ग्रे मार्केट का खेल
इसको उदाहरण से समझिए. मान लीजिए संजीव भसीन ने Vedanta के शेयर या फ्यूचर्स 450 रुपये पर खरीदे, और फिर वो टीवी पर आकर लोगों को कहते हैं कि ये शेयर बहुत अच्छा है, 460 पर खरीदने की सलाह देते हैं. इसका असर ये होता है कि टीवी पर सलाह सुनकर कई लोग Vedanta खरीदते हैं. जिससे शेयर की कीमत बढ़ती है और भसीन को मुनाफा हो जाता है. लेकिन असली चाल ये होती है कि अगर ये सौदा एक्सचेंज के जरिए हुआ होता, तो SEBI को पता चल सकता था क्योंकि हर ट्रेड रिकॉर्ड होता है. लेकिन ग्रे मार्केट में ये सौदा कैश में होता है, और कोई रिकॉर्ड नहीं होता.
कौन हैं संजीव भसीन
शेयर बाजार के जाने-माने एक्सपर्ट और IIFL सिक्योरिटीज के पूर्व डायरेक्टर संजीव भसीन पर SEBI ने कड़ी कार्रवाई की है. सेबी ने 11 जून को जारी अपने आदेश में संजीव भसीन समेत 12 लोगों को शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने से रोक दिया है. जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे खेल में संजीव भसीन के कजिन ललित भसीन भी शामिल थे, जिन्होंने इन संदिग्ध ट्रेड्स में मदद की. वहीं RRB मास्टर सिक्योरिटीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष कपूर ने इस योजना के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया. IIFL में संजीव भसीन का कार्यकाल 1 अप्रैल 2017 से 30 नवंबर 2022 तक डायरेक्टर के तौर पर और 1 दिसंबर 2022 से 17 जून 2024 तक कंसल्टेंट के रूप में रहा.
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