ग्लोबल मार्केट में सुधार और तेल कीमतों में गिरावट के बीच, क्या सुधरेगा अगले सप्ताह का बाजार? इन 5 फैक्टर्स पर निवेशक रखें नजर

शुक्रवार को समाप्त हुआ कारोबारी सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी सकारात्मक रहा. इस सप्ताह शेयर बाजार ने पिछले तीन सप्ताह की गिरावट के सिलसिले को तोड़ दिया. इस दौरान निफ्टी 50 में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि सेंसेक्स में 1.6 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई. निवेशकों को उम्मीद है कि अगला सप्ताह भी सकारात्मक रहेगा, लेकिन आने वाले सप्ताह में कई महत्वपूर्ण कारक हैं, जिन पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी.

शेयर मार्केट Image Credit: money9live.com

Indian stock market: भारतीय शेयर बाजार ने तीन सप्ताह की गिरावट के सिलसिले को तोड़ते हुए पिछले सप्ताह में तेजी से सुधार दर्ज किया. इस सप्ताह निफ्टी 50 में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो पिछले तीन महीनों में सबसे अधिक रही. इसी दौरान सेंसेक्स में 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो जनवरी के अंत के बाद से इसकी सबसे अधिक साप्ताहिक बढ़ोतरी है. इस तेजी के पीछे अमेरिका में टैरिफ से जुड़ी घटनाओं के साथ-साथ घरेलू और वैश्विक स्तर पर मिले सकारात्मक संकेत रहे. इससे निवेशकों में भरोसा जगा और बाजार में उत्साह देखने को मिला.

निवेशकों को उम्मीद है कि जैसा पिछला सप्ताह बीता, आने वाले सप्ताह में भी कुछ सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकते हैं. अब जब सोमवार से मार्च का दूसरा सप्ताह शुरू होगा, तो कुछ प्रमुख बाजार ट्रिगर्स होंगे, जो अगले पांच दिनों में बाजार की दिशा तय करेंगे.

महंगाई के आंकड़े (Inflation Data)

सरकार जल्द ही CPI महंगाई दर और IIP औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी करेगी. यह डेटा बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

IPO और नई लिस्टिंग

मेनबोर्ड पर इस हफ्ते कोई नया IPO नहीं आएगा, लेकिन SME सेगमेंट में दो नए IPO निवेशकों के लिए खुलेंगे. इसके अलावा, एक कंपनी की लिस्टिंग भी होगी, जिससे बाजार में हलचल देखने को मिल सकती है.

विदेशी निवेशकों (FII) की गतिविधि

मार्च के पहले हफ्ते में विदेशी निवेशकों (FII) ने 24,753 करोड़ रुपये निकाले, जबकि घरेलू निवेशकों (DII) ने 20,950 करोड़ रुपये लगाए हैं. लगातार छह महीने से विदेशी निवेशकों द्वारा निकासी देखी जा रही है. अगले हफ्ते उनकी गतिविधियां बाजार को ऊपर या नीचे ले जाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं.

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वैश्विक बाजारों में सुधार

अमेरिका ने अपने टैरिफ (आयात शुल्क) लागू करने में देरी की है और आगे बातचीत के संकेत दिए हैं, जिससे बाजार में सकारात्मक माहौल बना है. डॉलर के कमजोर होने और तेल की कीमतों में गिरावट ने भी निवेशकों को राहत दी है.

तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव

पिछले हफ्ते ब्रेंट क्रूड की कीमत 3.8 फीसदी और अमेरिकी WTI की कीमत 3.9 फीसदी गिरी, जो चार महीनों में सबसे बड़ी गिरावट रही. यदि तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो यह भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है.