बाजार में गिरावट का तूफान, दो दिनों में 1200 अंक टूटा सेंसेक्स, निवेशकों के 8 लाख करोड़ डूबे!
पिछले 2 दिन से बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली है. शुक्रवार, 25 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन भी भारी गिरावट में रहा. प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी 50 के साथ-साथ मिड और स्मॉलकैप शेयरों में भी अच्छी-खासी गिरावट देखी गई.

Why Stock Market Crashed: 25 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा. सेंसेक्स और निफ्टी 50 में भारी गिरावट देखने को मिली. इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तो और भी ज्यादा नुकसान देखने को मिला. शुक्रवार को सेंसेक्स 600 से ज्यादा अंक गिरकर 81,540 तक चला गया, जबकि निफ्टी 50 भी 1 फीसदी टूटकर 24,844 के स्तर तक फिसल गया. दो दिनों में सेंसेक्स में 1200 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. BSE मिडकैप इंडेक्स में करीब 1 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई, वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स 1.4 फीसदी लुढ़क गया.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
जुलाई में अब तक विदेशी निवेशकों (FPIs) ने भारतीय शेयर बाजार से 28,528 करोड़ रुपये की निकासी की है. पिछले 4 सत्रों में ही 11,572 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई है. FPI भारत के महंगे वैल्यूएशन से परेशान हैं, खासकर तब जब नतीजे उम्मीद से कमजोर आ रहे हैं.
तारीख | खरीदारी (₹ करोड़ में) | बिक्री (₹ करोड़ में) | नेट खरीद/बिक्री (₹ करोड़ में) |
---|---|---|---|
जुलाई में अब तक ( 24 जुलाई तक) | ₹2,21,092.92 | ₹2,49,621.62 | -₹28,528.70 |
24-जुलाई-2025 | ₹13,725.46 | ₹15,859.15 | -₹2,133.69 |
23-जुलाई-2025 | ₹14,475.50 | ₹18,684.61 | -₹4,209.11 |
22-जुलाई-2025 | ₹12,804.14 | ₹16,353.06 | -₹3,548.92 |
21-जुलाई-2025 | ₹10,823.67 | ₹12,504.90 | -₹1,681.23 |
दो दिन में 8 लाख करोड़ का नुकसान
सिर्फ दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स करीब 1,200 अंक और निफ्टी 1.5 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. इससे निवेशकों की कुल दौलत में 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट आई है. 23 जुलाई को बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 461 लाख करोड़ था, जो अब घटकर 453 लाख करोड़ रह गया है.
भारत-अमेरिका ट्रेड डील में अनिश्चितता
अमेरिका ने जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम जैसे एशियाई देशों के साथ ट्रेड डील कर लिए हैं, लेकिन भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर अब भी स्थिति साफ नहीं है. अमेरिका चाहता है कि भारत अपने कृषि, डेयरी और GMO के लिए बाजार खोले, लेकिन भारत अपने किसानों के हितों की रक्षा करना चाहता है.
कमजोर तिमाही नतीजे
Q1 के नतीजों से निवेशकों को खास राहत नहीं मिली है. आईटी और बैंकिंग जैसे अहम सेक्टरों में उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन रहा है. कई कंपनियों के मैनेजमेंट ने भी आगे के लिए सतर्क रुख अपनाया है, जिससे निवेशकों का भरोसा थोड़ा डगमगाया है.
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ग्लोबल मार्केट का असर
अमेरिका में ब्याज दरों, मंदी की आशंका और ग्लोबल मार्केट में टेंशन जैसी खबरों का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है. साथ ही, डॉलर की मजबूती और क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने भी बाजार के सेंटीमेंट को प्रभावित किया है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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