TATA Motors फैक्ट्री में दबी है EV की आवाज, JLR भी सुस्त; शेयर देख लगा रहे हैं दांव, तो पढ़ लें ये रिपोर्ट
Tata Motors का नाम सुनते ही EV लीडरशिप, JLR की चमक और सस्ते शेयर की तस्वीर सामने आती है. लेकिन क्या वाकई ये कंपनी वैसी ही है जैसी दिखाई देती है? गहराई से देखें तो कुछ सवाल उठते हैं जो हर निवेशक को सोचने पर मजबूर कर सकते हैं.

TATA Motors Share: लॉकडाउन के बाद TATA Motors ने जिस तरह से रफ्तार पकड़ी, वह अनोखी रही. हाल ही में लंबे वक्त तक जूझने के बाद Tata Motors मार्केट वैल्यूएशन में महिंद्रा & महिंद्रा और हुंडई जैसी गाड़ियों को मात देकर दूसरे पायदान पर पहुंच गई. इन सभी पर्फॉर्मेंस ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया. शेयरों में जबर्दस्त उछाल, 67 लाख से भी अधिक शेयरधारक, और ‘टर्नअराउंड’ की कहानी ने कंपनी को ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेशकों का फेवरेट स्टॉक बना दिया. EV की बढ़त, Jaguar Land Rover (JLR) का सुधार का दावा और peers की तुलना में सस्ता वैल्यूएशन, इन सबके सहारे Tata Motors का पिटारा आकर्षक दिख रहा है. लेकिन क्या वाकई ये पेंच पूरी तरह से फिट बैठते हैं, या अंदर कुछ दरारें भी हैं? जब इंजन की आवाज बहुत चिकनी लगे, तो बोनट खोलकर जरूर देखना चाहिए. और इस रिपोर्ट में वही किया गया है.
EV कहानी: दिखावा ज्यादा, असर कम
Tata Motors के ‘भारत के EV लीडर’ होने का दावा उन लोगों को खूब पसंद आता है, जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में भविष्य देखते हैं. लेकिन सच तो यह है कि FY25 में EV की बिक्री कंपनी के कुल राजस्व का 2 फीसदी से भी कम रही. मात्रा और मूल्य दोनों में EV का हिस्सा नगण्य है.
वैल्यू रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, नए खिलाड़ी, बेहतरीन बैटरी टैक्नोलॉजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर की लड़ाई में Tata का पहला झंडा तो बुलंद था, लेकिन अब आगे बढ़ने के लिए उसे लगातार नए आईडिया लाने होंगे.
टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल (PV) की बिक्री में ईंधन के हिसाब से अगर पिछले तीन सालों की बात करें, तो तस्वीर साफ है कि यह कहानी EV से ज्यादा CNG की बनती जा रही है.
वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) में टाटा मोटर्स की 67% पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री पेट्रोल वेरिएंट की थी, जो FY24 में घटकर 58% और FY25 में और गिरकर 51% पर आ गई. वहीं, डीजल वेरिएंट की बिक्री में भी कमी आई है. यह FY23 में 16% थी, जो FY24 और FY25 दोनों वर्षों में घटकर 13% पर स्थिर हो गई.
EV यानी इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी FY23 में 9% थी, जो FY24 में 13% तक पहुंच गई, लेकिन FY25 में थोड़ी गिरावट के साथ 11% रह गई.
सबसे चौंकाने वाली छलांग CNG वेरिएंट्स ने लगाई है, FY23 में जहां इसकी हिस्सेदारी सिर्फ 8% थी, वो FY24 में दोगुनी होकर 16% हो गई और FY25 में यह और तेजी से बढ़कर 25% तक पहुंच गई. यानी, आंकड़े साफ बताते हैं कि टाटा मोटर्स की कहानी फिलहाल इलेक्ट्रिक से ज्यादा CNG पर टिकती दिख रही है.

JLR: वादे और मुश्किलें
2008 में Jaguar Land Rover का अधिग्रहण करने के समय Tata Motors को ग्लोबल मार्केट में बड़ा भरोसा मिला. लेकिन उस दिन से अब तक JLR का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. बार-बार इन्वेंटरी बढ़ना, डिमांड में गिरावट, और परिसंपत्ति में इम्पेयरमेंट, इन सबका खामियाजा Tata Motors को भुगतना पड़ा. कभी ग्रोथ में सुधार की झलक दिखी, तो अगले ही चक्र में मार्जिन सिकुड़ गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, JLR के वैश्विक होलसेल वॉल्यूम को देखें तो पिछले कई वर्षों में इनमें कोई खास बढ़त देखने को नहीं मिली है. यहां की आशाएं अक्सर चक्रीय मार्जिन सुधार पर टिकी हैं, न कि स्थायी मांग या प्रोडक्ट लीडरशिप पर. यानी, JLR की कहानी अभी भी ‘साइकलिकल लग्जरी ब्रांड’ से आगे नहीं बढ़ पाई है.

वैल्यूएशन का खेल
Tata Motors के आकर्षक P/E रेशियो (लगभग 10) को अक्सर उसके कंपटीटर Maruti Suzuki या Mahindra & Mahindra से सस्ता बताया जाता है, जिनका पीई रेशियो 20 से ज्यादा है. लेकिन यह तुलना अधूरी है. Maruti और M&M मुख्यतः भारत में काम करती हैं, जहां एक तेजी से उभरता बाजार, बढ़ती आय, शहरीकरण और क्रेडिट उपलब्धता ग्राहक बढ़ाते रहते हैं.
वहीं Tata Motors की 71 फीसदी FY25 की आय JLR और ग्लोबल ऑपरेशंस से आती है, जो पश्चिमी यूरोप, यूके और उत्तर अमेरिका जैसे स्ट्रॉन्ग बाजार हैं. यहां नियम कड़े, EV की लागत ऊंची और अर्थव्यवस्था सुस्त है.
जब मुकाबला वैश्विक ऑटोमेकर, Ford, GM, BMW, Mercedes के बीच हों, तब Tata Motors का रेशियो उस बैंड में फिट बैठता है. क्योंकि ज्यादातर इंटरनेशनल ब्रांड 7-12 के पीई रेशियो पर ट्रेड करते हैं. टाटा मोटर्स का वैल्यूएशन देखने में भले ही सस्ता लगे, लेकिन असल में यह कोई एक्सक्लूसिव डिस्काउंट नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर ऑटो सेक्टर की सामान्य रेंज में ही आता है.

भारतीय बाजार की असलियत
भारत में Tata Motors की SUV लाइनअप- Punch, Nexon, Harrier को लेकर उत्साह दिखता है. लेकिन बिक्री ग्रोथ का बड़ा हिस्सा डीलरशिप नेटवर्क विस्तार से आता है. अधिक आउटलेट, अधिक कवरेज, अस्थायी वॉल्यूम बूस्ट जरूर मिलता है लेकिन ‘सेल्स पर डीलरशिप’ यानी प्रति आउटलेट बिक्री में गिरावट चिंता बढ़ाती है.
FY24 में Maruti Suzuki के प्रति आउटलेट बिक्री 479 करोड़ रुपये से घटकर FY25 में 457 करोड़ रुपये हो गई, Hyundai 452 करोड़ से 440 करोड़ रुपये पर आई, M&M 359 करोड़ से बढ़कर 415 करोड़ रुपये हुआ, Kia 351 करोड़ से 352 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा, Toyota 304 करोड़ से 306 करोड़ रुपये पर पहुंचा, जबकि Tata Motors 436 करोड़ रुपये से गिरकर 341 करोड़ रुपये पर आ गया.
ये आंकड़े गवाह है कि, Tata के पास अधिक डीलरशिप हो गई लेकिन आउटलेट एफिशिएंसी में कमी आई.
आपको क्या सवाल पुछने चाहिए
Tata Motors की कहानी में EV का चमकदार चेहरा और JLR का भव्य लेकिन चक्रीय इतिहास, सस्ता दिखने वाला वैल्यूएशन और फैलती डीलरशिप, इन सबका योग एक टर्नअराउंड स्टोरी जैसा नजर आता है. लेकिन गहराई में देखने पर बहुत कुछ अधूरा दिखता है.
- EV से राजस्व पर होने वाला प्रभाव नगण्य है.
- JLR की परफॉर्मेंस स्थायी नहीं, बल्कि चक्रीय है.
- वैश्विक peers से तुलना कर वैल्यूएशन डिस्काउंट दिखाना संदिग्ध है.
- घरेलू विस्तार के नाम पर ‘प्रोडक्टिविटी’ का बलिदान हो रहा है.
क्या सच में Tata Motors का इंजन तेज और टिकाऊ प्रदर्शन दे रहा है, या यह सिर्फ साउंडबाइट्स और मार्केट ऑप्टिक्स का खेल है?
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बीते एक हफ्ते में कंपनी के शेयर ने निवेशकों को मुनाफा दिया है लेकिन अगर आंकड़ा महीने भर का निकाले या साल भर का निवेशकों की कमाई इस शेयर में घटी है. 52 हफ्ते का न्यूमतम स्तर 535.75 रुपये है वहीं उच्चतम स्तर 1179 रुपये है. आज यानी 9 जून को कंपनी के शेयर 718 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं. Tata Motors के पास निवेशकों को लुभाने के कई तर्क हैं- EV लीडरशिप का दावेदार स्वरूप, एक प्रतिष्ठित ग्लोबल ब्रांड, और peers की तुलना में सस्ता आंकड़ा. लेकिन जब गहराई से विश्लेषण करें, तो पता चलता है कि यह कहानी कहीं अधिक सतही है.
असली सवाल यह है कि क्या कंपनी भविष्य में इन कई मोर्चों पर वास्तव में स्थायी सुधार कर पाएगी? क्योंकि कोई नहीं जानता की भविष्य में कंपनी अपने ऑपरेशन और स्ट्रैटजी को किस तरह से बदलती है, हो सकता है कि इसके किसी मॉडल्स की सेल्स इतनी बढ़ जाए की शेयर बाजार में भी तेजी देखने को मिले. लेकिन फिलहाल आपको किसी शेयर में निवेश से पहले शानदार आंकड़ों के तह को देखना चाहिए
डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है और इसे निवेश सलाह या सिफारिश के रूप में न माना जाए. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें. बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है.
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