सेमीकंडक्टर का बूम, इन 5 कंपनियों ने किया भारी निवेश, स्टॉक भी दमदार, 5 साल में 9000% तक रिटर्न

भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रहा है. EV, टेलीकॉम, एयरोस्पेस, डिफेंस और अन्य क्षेत्रों में चिप्स की मांग बढ़ रही है. अनुमान है कि साल 2026 तक भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 5.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचेगा. आइए, पांच ऐसी कंपनियों के बारे में विस्तार से जानते है जो लंबे समय लिए बेस्ट है.

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5 Semiconductor Stocks: भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रहा है. EV, टेलीकॉम, एयरोस्पेस, डिफेंस और अन्य क्षेत्रों में चिप्स की मांग बढ़ रही है. सरकार ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए 7.6 लाख करोड़ रुपये का सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम शुरू किया है. इसका टारगेट चिप डिजाइन, पैकेजिंग और टेस्टिंग में भारत को मजबूत करना है. भारत में अभी बड़े पैमाने पर चिप बनाने की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है. फिर भी, कुछ भारतीय कंपनियां डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग, पैकेजिंग और टेस्टिंग में आगे बढ़ रही हैं. आइए, पांच ऐसी कंपनियों के बारे में विस्तार से जानते है जो लंबे समय लिए बेस्ट है.

टाटा एल्क्सी (Tata Elxsi)

टाटा एल्क्सी एक टेक्नोलॉजी कंपनी है. यह ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम और हेल्थकेयर के लिए चिप डिजाइन और सॉफ्टवेयर बनाती है. यह इलेक्ट्रिक वाहनों, 5G और ऑटोनॉमस वाहनों के लिए चिप्स डिजाइन करती है. कंपनी VLSI डिजाइन, ASIC और FPGA सर्विसेज देती है. हाल में इसकी इनकम में थोड़ी कमी आई, लेकिन पिछले तीन सालों में इसका मुनाफा 13 फीसदी की दर से बढ़ा है और ROE 34 फीसदी है.

टाटा एल्क्सी ने ऑटोमोटिव और AI चिप डिजाइन में नए कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए हैं. यह हेल्थकेयर और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भी चिप्स बनाएगी. अगले 18 महीनों में यह अपने ऑटोमोटिव लैब्स और ब्लूटूथ/WiFi चिप डिजाइन को और बेहतर करेगी. इस कंपनी ने 5 सालों में 545.85 फीसदी का रिटर्न दिया है. हाल ही में कंपनी ने एक बड़ी यूरोपीय ऑटोमोटिव कंपनी के साथ 50 मिलियन यूरो (लगभग 485 करोड़ रुपये) का इंजीनियरिंग डील हासिल किया है.

डिक्सन टेक्नोलॉजीज (Dixon Technologies)

डिक्सन भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है. यह टीवी, स्मार्टफोन और लाइटिंग बनाती है. अब यह सेमीकंडक्टर पैकेजिंग और टेस्टिंग में भी काम शुरू कर रही है. PLI स्कीम के तहत यह चिप मैन्युफैक्चरिंग में निवेश कर रही है. इसकी Q1 FY26 की इनकम 128.36 अरब रुपये थी. पिछले तीन सालों में मुनाफा 60 फीसदी की दर से बढ़ा है. इसका ROE 28 फीसदी है. डिक्सन मोबाइल, ऑटोमोटिव और टेलीकॉम के लिए चिप्स पैकेजिंग करेगी.

अगले दो सालों में यह 5G डिवाइस और वियरेबल्स के लिए मॉड्यूल इंटीग्रेशन बढ़ाएगी. इस कंपनी ने 5 सालों में 995.11 फीसदी का रिटर्न दिया है. हाल हा में कंपनी को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) से चीनी कंपनी लॉन्गचीअर के साथ एक जॉइंट वेंचर शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. इस साझेदारी में डिक्सन की हिस्सेदारी 74 फीसदी होगी, जबकि लॉन्गचीअर की हिस्सेदारी 26 फीसदी होगी. यह जॉइंट वेंचर डिक्सटेल इन्फोकॉम नाम से काम करेगा.

ASM टेक्नोलॉजीज (ASM Technologies)

ASM एक छोटी कंपनी है. यह चिप डिजाइन, टेस्टिंग और बोर्ड लेआउट में काम करती है. यह ऑटोमोटिव और 5G चिप्स के लिए टेस्टिंग और डिजाइन ऑप्टिमाइजेशन में माहिर है. ASM की सेवाएं चिप्स को तेजी से बाजार में लाने में मदद करती हैं. यह FY27 तक 12 अरब रुपये की सर्विस इनकम का टारगेट रखती है. कंपनी एयरोस्पेस, इंडस्ट्रियल कंट्रोल और AI डिवाइस में विस्तार करेगी. यह ऑटोमेशन और IP इंटीग्रेशन पर भी ध्यान देगी. इस कंपनी ने 5 सालों में 9,348.19 फीसदी का रिटर्न दिया है.

हाल ही में ASM टेक्नोलॉजीज ने कर्नाटक में 510 करोड़ रुपये का निवेश किया है. कंपनी अपनी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) क्षमता को बढ़ा रही है. इसके लिए कंपनी ने कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरियाज डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB) से 10 एकड़ जमीन खरीदने का समझौता किया है. इस निवेश से कंपनी एक आधुनिक डिजाइन सेंटर बनाएगी.

SPEL सेमीकंडक्टर (SPEL Semiconductor)

SPEL भारत की पहली OSAT कंपनी है. यह चिप पैकेजिंग और टेस्टिंग करती है. यह ग्लोबल चिपमेकर्स के लिए IC असेंबली और टेस्टिंग सर्विसेज देती है. इसका मुनाफा पिछले तीन सालों में 6 फीसदी घटा और ROE 8 फीसदी कम हुआ. फिर भी EV और टेलीकॉम चिप्स की बढ़ती मांग से SPEL को फायदा हो रहा है. यह 1500 लाख रुपये का निवेश कर रही है और अगले 2-3 सालों में अपनी पैकेजिंग क्षमता दोगुनी करेगी. यह 3D चिप स्टैकिंग जैसी नई तकनीकों पर भी काम करेगी. इस कंपनी ने 5 सालों में 2,303.46 फीसदी का रिटर्न दिया है.

मॉसचिप टेक्नोलॉजीज (Moschip Technologies)

मॉसचिप मिक्स्ड-सिग्नल ICs और सिस्टम-ऑन-चिप डिजाइन करती है. इसके चिप्स राउटर्स, मेडिकल डिवाइस और इंडस्ट्रियल गेटवे में इस्तेमाल होते हैं. FY25 में इसकी इनकम 4.6 अरब रुपये थी और मुनाफा 73 फीसदी की दर से बढ़ा. इसका ROE 9 फीसदी है. मॉसचिप USB4, PCIe Gen5 और 5G गेटवे चिप्स बना रही है. अगले दो सालों में यह मेडिकल और डिफेंस के लिए ASICs और IoT चिप्स डेवलप करेगी. इस कंपनी ने 5 सालों में 1,292.12 फीसदी का रिटर्न दिया है.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.