1 साल में दोगुना हुआ गोल्ड लोन, ₹2.5 लाख करोड़ के पार; बैंकों ने ₹67,000 करोड़ की अनक्लेम्ड राशि RBI को सौंपी

मई 2025 तक सोने पर दिए गए बैंक लोन की रकम 2.5 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई, जो पिछले साल से 115 फीसदी अधिक है. साथ ही, बैंकों ने 67,003 करोड़ रुपये की इनएक्टिव जमा राशि RBI के DEA फंड में ट्रांसफर की है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में यह जानकारी दी.

दोगुना हुआ गोल्ड लोन Image Credit: @canva/money9live

Gold Loan Surges: देश में सोने के बदले लिए गए कर्ज यानी गोल्ड लोन की मांग में जबरदस्त उछाल आया है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा को बताया कि मई 2025 तक बैंकों की ओर से सोने पर दिए गए कर्ज की कुल राशि 2.51 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई, जो पिछले साल मई 2024 के 1.16 लाख करोड़ रुपये से 115.25 फीसदी ज्यादा है. मंत्री ने बताया कि यह बढ़त “बैंकिंग रेगुलेटरी एफर्ट्स और कर्ज लेने वालों की प्राथमिकताओं में बदलाव” का नतीजा है. खासकर इसलिए क्योंकि गोल्ड लोन पर मिलने वाला लोन टू वैल्यू (LTV) रेशियो दूसरे एसेट्स की तुलना में ज्यादा होता है.

RBI के नए नियमों का असर

RBI ने छोटे बॉरोअर्स को ध्यान में रखते हुए सोने के जरिए फॉर्मल लोन को आसान बनाया है. 2.5 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन पर अब LTV रेशियो 85 फीसदी तक हो सकता है. 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक के लोन पर 80 फीसदी और 5 लाख रुपये से ऊपर पर पहले जैसा 75 फीसदी LTV लागू है. यह कदम खासकर ग्रामीण और कम इनकम ग्रुप वाले लोगों के लिए राहत लेकर आया है, जो सोने को निवेश और जरूरत के समय सहारे के रूप में इस्तेमाल करते हैं.

गोल्ड की कीमत और महंगाई का कनेक्शन

मंत्री ने कहा कि पिछले एक साल (जुलाई 2024 से जून 2025) में गोल्ड की कीमत ने खुदरा महंगाई में औसतन 20 फीसदी तक योगदान दिया है. उन्होंने बताया कि भारत में सोना सिर्फ गहनों के रूप में इस्तेमाल नहीं होता, बल्कि यह निवेश और बचत का भी अहम जरिया है. जब गोल्ड की कीमत बढ़ती है तो लोगों की मौजूदा संपत्ति का “नैशनल वैल्यू” भी बढ़ता है, जिससे खर्च करने की आदत बढ़ती है.

67,000 करोड़ रुपये की अनक्लेम्ड डिपॉजिट DEA फंड में ट्रांसफर

एक दूसरे सवाल के जवाब में पंकज चौधरी ने बताया कि 30 जून 2025 तक बैंकों ने 67,003 करोड़ रुपये की ‘अनक्लेम्ड डिपॉजिट’ RBI के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस (DEA) फंड में ट्रांसफर की हैं. इनमें से 58,330 करोड़ रुपये पब्लिक सेक्टर बैंकों से, 8,673 करोड़ रुपये प्राइवेट बैंकों से. अगर इसको ब्रेक करते हुए बताए तो-

  • इस फेहरिस्त में SBI सबसे ऊपर रहा, जिसने 19,329.92 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. उसके बाद,
  • पंजाब नेशनल बैंक- 6,910.67 करोड़ रुपये
  • केनरा बैंक- 6,278.14 करोड़ रुपये
  • ICICI बैंक- 2,063.45 करोड़ रुपये

मंत्री ने स्पष्ट किया कि 10 साल तक इनएक्टिव सेविंग या करंट अकाउंट, और मियादी जमा राशि जो मैच्योर होने के 10 साल तक क्लेम नहीं की गई हो, उन्हें Unclaimed Deposits की कैटेगरी में रखा जाता है. इसके बाद ये राशि DEA फंड में ट्रांसफर कर दी जाती है. ध्यान देने वाली बात है कि NBFCs यानी नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को फिलहाल यह राशि DEA फंड में ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं है.