भारत में इन 10 FIIs का है दबदबा, निवेश से बदल देते हैं बाजार, एक ने तो डाल रखें हैं 2.32 लाख करोड़ रुपये

भारत में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का ताबड़तोड़ निवेश है.. नॉर्वे का पेंशन फंड Norges से लेकर Google तक, सभी दिग्गजों ने भारतीय कंपनियों पर भरोसा जताया और अरबों रुपये झोंक दिए. यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है. आइए जानते हैं किसका कितना पैसा लगा है.

FIIs भारत में Image Credit: @Money9live

FIIs in Indian Share Market: भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर विदेशी निवेशकों की नजरों का ताज बन गई है. दुनिया के कई बड़े विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय कंपनियों पर भरोसा जताते हुए अरबों रुपये का निवेश किया है. यह सिर्फ पैसों का प्रवाह नहीं है, बल्कि यह एक संकेत है कि वैश्विक स्तर पर भारत को एक मजबूत और स्थिर बाजार के रूप में देखा जा रहा है. किसी कंपनी में निवेश से पहले एक बार निवेशकों की नजर FIIs की हिस्सेदारी पर जरूर जाती है. ऐसे में आइए बताते हैं कि किन विदेशी कंपनियों का पैसा भारतीय बाजार में कितना लगा हुआ है.

किसका कितना पैसा?

निवेशकों की सूची में सबसे पहले जो नाम आता है वह गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर. इसने भारतीय शेयर बाजार में करीब 2.32 लाख करोड़ रुपये लगाए हैं. इसके बाद नॉर्वे का पेंशन फंड Norges, जिसने करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम भारत में लगाई है. इसके बाद Capital ने 76,950 करोड़ रुपये, और Vanguard ने 58,750 करोड़ रुपये का निवेश कर भारतीय कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी मजबूत की है.

गूगल की भी बड़ी हिस्सेदारी

Google भी पीछे नहीं रहा. इस टेक्नोलॉजी दिग्गज ने भारती एयरटेल में 13,300 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो एयरटेल में 1.5 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है. यह कदम भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल बाजार में उसकी रुचि को साफ तौर पर दिखाता है.

अरबों रुपये का निवेश

अमेरिकी दिग्गज Goldman Sachs और निवेश कंपनी GQG ने क्रमश: 46,500 करोड़ रुपये और 37,500 करोड़ रुपये भारत में लगाए हैं. इससे इतर, Nalanda Capital ने भारतीय बाजार में 30,900 करोड़ रुपये, Amansa ने 18,000 करोड़ रुपये और Northern ने 16,500 करोड़ रुपये लगाए हैं. इन तमाम बड़े खिलाड़ियों ने मिलकर अरबों रुपये निवेश किए, जिससे भारत में विदेशी निवेश का स्तर और ऊंचा हो गया है.

क्या होता है विदेशी निवेशकों के निवेश का असर?

इन निवेशों का असर भारतीय शेयर बाजार में भी साफ दिख रहा है. पिछले कुछ महीनों में सेंसेक्स और निफ्टी ने नई ऊंचाइयों को छुआ है. विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशकों का यह भरोसा भारत के लिए बेहद अहम है. इससे कंपनियों को विकास के लिए जरूरी पूंजी तो मिलती ही है, साथ ही यह देश की आर्थिक नीतियों और स्थिरता पर वैश्विक मुहर भी है. इन निवेशों का फायदा सिर्फ शेयर बाजार तक सीमित नहीं है. टेक्नोलॉजी, ऊर्जा, उपभोक्ता सामान और बुनियादी ढांचे जैसे सेक्टरों में इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है. आने वाले समय में इन क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर और कई बड़े प्रोजेक्ट्स शुरू होने की उम्मीद है.

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