इन 3 रेलवे स्टॉक में बह रही मुनाफे की गंगा! 5 साल में दिया 3595% रिटर्न, अरबों रुपये के प्रोजेक्ट से भरे हैं सभी के ऑर्डर बुक
रेलवे में एक बड़ा बदलाव आ रहा है. सरकार के मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान ने शेयर बाजार में एक नई हलचल पैदा कर दी है. कुछ कंपनियों की स्थिति इतनी मजबूत है कि वे इस ट्रांसफॉर्मेशन की रीढ़ बन चुकी हैं. लेकिन कौन हैं ये कंपनियां? जवाब जानिए इस रिपोर्ट में.
Best Railway Stocks: भारत में रेलवे अब निवेश का एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है. देश में रेलवे के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने, नेटवर्क को फैलाने और ट्रेनों की गति और सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ा रोडमैप तैयार किया है. इसमें सिर्फ ट्रेनें और ट्रैक नहीं, बल्कि वह सारी तकनीक और सेवाएं शामिल हैं जो रेलवे को हाईटेक और स्मार्ट बना रही हैं. इसी वजह से रेलवे से जुड़ी सहायक कंपनियों यानी Railway Ancillary Stocks में तेजी से निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है. ये वे कंपनियां हैं जो रेल परियोजनाओं के लिए जरूरी उपकरण, तकनीक और सेवाएं मुहैया कराती हैं.
यहां हम बात कर रहे हैं ऐसी तीन कंपनियों की जो न केवल रेलवे के आधुनिकीकरण की रीढ़ हैं, बल्कि मजबूत ऑर्डर बुक और दमदार वित्तीय स्थिति के साथ निवेश के लिए आकर्षक विकल्प बन चुकी हैं.
RailTel Corporation of India Limited
सरकारी स्वामित्व वाली RailTel की शुरुआत वर्ष 2000 में हुई थी. पहले यह केवल रेलवे के कम्युनिकेशन सिस्टम को संभालने वाली कंपनी थी, लेकिन अब यह देश की सबसे बड़ी neutral telecom infrastructure प्रोवाइडर बन चुकी है.
RailTel का फाइबर नेटवर्क पूरे देश में फैला है और यह भारत की 70 फीसदी आबादी को कवर करता है. रेलवे की सुरक्षा और नियंत्रण प्रणाली को आधुनिक बनाने में इसका बड़ा योगदान है.
इसकी खास बात यह है कि यह केवल रेलवे तक सीमित नहीं है- RailTel की सेवाएं सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में जाती हैं. इससे कंपनी की आमदनी का स्रोत काफी विविध हो गया है और यह किसी एक सेक्टर पर निर्भर नहीं रहती.
कंपनी का ऑर्डर बुक
कंपनी के पास 70.2 अरब रुपये की ऑर्डर बुक है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा राज्य सरकारों का है 20.8 अरब रुपये (करीब 30%) और दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा भारतीय रेलवे का 20 अरब रुपये है.
कंपनी देश के प्रमुख प्रोजेक्ट्स में शामिल है:
- ₹2.4 अरब का Kavach Safety System – ईस्ट सेंट्रल रेलवे के लिए
- ₹2.3 अरब का ITMS प्रोजेक्ट – महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के लिए
- ₹2.1 अरब का – बिहार में स्कूलों के लिए स्टूडेंट किट्स
क्या है फाइनेंशियल कंडीशन
FY25 में कंपनी की आमदनी में 35% बढ़ी है वहीं ऑपरेटिंग प्रॉफिट में भी 15 फीसदी की तेजी दिखी है. नेट प्रॉफिट 22 फीसदी की तेजी के साथ बढ़ा है.नेट प्रॉफिट 22% की ग्रोथ देखने को मिली. हालांकि ऑपरेटिंग मार्जिन घटकर 15% रह गया, लेकिन cash conversion cycle में सुधार हुआ, यह 180 दिन से घटकर 166 दिन हो गया. कंपनी ने बीते 5 साल में निवेशकों को 273 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसका मौजूदा शेयर प्राइस 406.45 रुपये है.
Siemens Limited
जर्मन टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी Siemens AG की भारतीय इकाई Siemens Limited देश में 1867 से मौजूद है. कंपनी की विशेषज्ञता ऑटोमेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल सॉल्यूशंस और ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स में है. खासकर रेलवे के लिए इलेक्ट्रिफिकेशन, सिग्नलिंग और हाई-स्पीड टेक्नोलॉजी में यह अग्रणी भूमिका निभा रही है.
मार्च 2025 में Siemens ने अपनी एनर्जी यूनिट को अलग कर Siemens Energy India में ट्रांसफर कर दिया है, जिससे इसकी कोर गतिविधियों पर और अधिक फोकस हो गया है.
बढ़ता ऑर्डर बुक और प्रोजेक्ट्स
मार्च 2025 तक कंपनी की ऑर्डर बुक 300 फीसदी बढ़कर 24.2 अरब रुपये पहुंच गई. इसके अलावा कंपनी Q2FY25 में नए ऑर्डर 53.1 अरब रुपये तक पहुंचे, जो पिछली तिमाही से 44% अधिक हैं. कंपनी ने हाल ही में कई बड़ी डील्स अपने नाम की है जिसमें शामिल हैं:
- महाराष्ट्र मेट्रो के लिए 7.7 अरब रुपये का CBTC सिग्नलिंग सिस्टम
- मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 12.3 अरब रुपये का ETCS Level 2 सिस्टम
- 1,200 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की डिलीवरी शुरू – यह 3 अरब यूरो की डील है जिसमें 35 साल का मेंटेनेंस भी शामिल है
वित्तीय प्रदर्शन
कंपनी का रेवेन्यू पिछली तिमाही की तुलना में 19 फीसदी बढ़ा है. लेकिन ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 27% और नेट प्रॉफिट में 28% की गिरावट देखने को मिली है. हालांकि इस गिरावट के बावजूद कंपनी ने 12 फीसदी का ऑपरेटिंग मार्जिन बनाए रखा. खास बात – cash conversion cycle है 1 दिन, यानी कंपनी को ग्राहक से पहले ही पेमेंट मिल रही है. बीते पांच साल में कंपनी ने निवेशकों को 198.67 फीसदी रिटर्न दिया है हालांकि शुक्रवार को कंपनी के शेयर थोड़ी गिरावट के बाद 3,128 रुपये पर बंद हुए.
HBL Engineering Ltd
हैदराबाद स्थित HBL Engineering एक पुराने बैटरी निर्माता के तौर पर शुरू हुई थी लेकिन अब यह रेलवे सुरक्षा सिस्टम्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और बैटरियों में इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस देने वाली कंपनी बन चुकी है.
कंपनी 80 से ज्यादा देशों में काम करती है. यूरोप और अमेरिका जैसे बड़े मार्केट प्लेस में इसकी सब्सिडियरी हैं. साथ ही निकेल-कैडमियम बैटरी में यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी निर्माता है और भारत में इसने तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम बैटरी निर्माता का खिताब अपने नाम किया है.
ऑर्डर बुक है कितना दमदार?
- HBL, Kavach Train Safety System के लिए जानी जाती है जो भारतीय रेलवे के ट्रेन प्रोटेक्शन प्रोजेक्ट का हिस्सा है.
- जून 2025 तक कुल ऑर्डर 40.29 अरब रुपये, जो अगस्त 2024 के 11.79 अरब रुपये से 242% की ग्रोथ
- इसमें 15.22 अरब रुपये का ऑर्डर चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स से- 2,200 इंजनों में सुरक्षा उपकरण लगाने के लिए
- 10 अरब रुपये से ज्यादा के अन्य Kavach सिस्टम प्रोजेक्ट्स
- केवल 2025 की पहली छमाही में ही 4 अरब रुपये के नए Kavach ऑर्डर
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कैसी है कंपनी के वित्तीय हालत?
कंपनी का रेवेन्यू 4.1 फीसदी की हल्की गिरावट के साथ 19.67 अरब रुपये पर अटक गया है. नेट प्रॉफिट में भी 1.4 की कमी देखी गई. हालांकि नेट प्रॉफिट मार्जिन में सुधार हुआ है. कंपनी अब कम मार्जिन वाले बैटरी सेगमेंट से हटकर हाई मार्जिन रेलवे इलेक्ट्रॉनिक्स पर ध्यान दे रही है. HBL ने 5 साल में 3,595 का दमदार रिटर्न देकर खुद को मल्टीबैगर साबित कर दिया है. मौजूदा समय में कंपनी के शेयर 602 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.