कॉपर, जिंक और सिल्वर की तेजी का फायदा उठा रहीं ये 4 कंपनियां, 5 साल में दिया 814% तक का रिटर्न; चेक करें फंडामेंटल
कॉपर, जिंक और सिल्वर की कीमतें हमेशा बदलती रहती हैं. ये इस बात पर निर्भर करती हैं कि कितना माल उपलब्ध है, उद्योगों को कितनी जरूरत है और निवेशक क्या सोचते हैं. सही समय पर, इन धातुओं को खनन या तैयार करने वाली कंपनियां अच्छा मुनाफा कमा सकती हैं. आजकल, इलेक्ट्रिक वाहन, रिन्यूएबल एनर्जी और डेटा सेंटर की मांग बढ़ रही है. कॉपर बिजली के तारों के लिए जरूरी है, जिंक स्टील को जंग से बचाता है और सिल्वर उद्योगों व निवेश के लिए काम आता है.
Commodity Stocks: कमोडिटी में निवेश करना मुश्किल हो सकता है. कॉपर, जिंक और सिल्वर की कीमतें हमेशा बदलती रहती हैं. ये इस बात पर निर्भर करती हैं कि कितना माल उपलब्ध है, उद्योगों को कितनी जरूरत है और निवेशक क्या सोचते हैं. सही समय पर, इन धातुओं को खनन या तैयार करने वाली कंपनियां अच्छा मुनाफा कमा सकती हैं. आजकल, इलेक्ट्रिक वाहन, रिन्यूएबल एनर्जी और डेटा सेंटर की मांग बढ़ रही है. कॉपर बिजली के तारों के लिए जरूरी है, जिंक स्टील को जंग से बचाता है और सिल्वर उद्योगों व निवेश के लिए काम आता है. भारत में कुछ कंपनियां इस मांग का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं. इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत है. यहां चार ऐसी कंपनियों के बारे में बताया जा रहा है, जिन्हें आपको अपने निवेश की सूची में शामिल कर सकते है.
हिंदुस्तान कॉपर (Hindustan Copper)
हिंदुस्तान कॉपर, कॉपर के खनन से लेकर रिफाइनिंग तक सब कुछ करती है. यह कंपनी कॉपर की कीमतों के साथ सीधे तौर पर जुड़ी है, जिससे यह कॉपर में निवेश का सबसे आसान तरीका है. कंपनी अपनी मलंजखंड खदान का विस्तार कर रही है, जिससे उत्पादन बढ़ेगा. इसके अलावा, झारखंड और राजस्थान में भी नए प्रोजेक्ट शुरू हो रहे हैं. कंपनी का बैलेंस शीट मजबूत है, और उसका रिटर्न रेशियो 15 फीसदी के आसपास रहा है.
पिछले कुछ सालों में बिक्री में उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन FY25 में इसमें तेजी आई है. भारत में कॉपर की मांग बढ़ रही है, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों और रिन्यूएबल एनर्जी के लिए. सरकार भी आयात कम करने और संसाधन सुरक्षा पर जोर दे रही है, जो इस कंपनी के लिए अच्छा है. हालांकि, कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का जोखिम रहता है.
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (Hindalco Industries)
हिंडाल्को को भारत में एल्यूमिनियम के लिए जाना जाता है, लेकिन इसकी कॉपर इकाई भी महत्वपूर्ण है. यह कंपनी कॉपर स्मेल्टिंग और इससे जुड़े प्रोडक्ट बनाती है, जो इसकी आय का बड़ा हिस्सा है. हिंडाल्को की वैश्विक सहायक कंपनी नोवेलिस दुनिया की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम रोलिंग कंपनी है. कंपनी ने अपने कर्ज को कम किया है, जिससे उसका बैलेंस शीट मजबूत हुआ है.
रिटर्न रेशियो पहले 15 फीसदी से ज्यादा था, लेकिन अब यह 10-12 फीसदी के आसपास है. फिर भी, कंपनी की इनकम और मुनाफा लगातार बढ़ रहा है. हिंडाल्को की ताकत यह है कि यह अपने मुनाफे को रिसाइक्लिंग और नए उत्पादों में निवेश करती है. इससे यह कीमतों के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होती है. यह निवेशक कम जोखिम के साथ धातुओं में निवेश चाहते हैं, उनके लिए हिंडाल्को अच्छा ऑप्शन है.
एनएमडीसी (NMDC)
NMDC भारत की सबसे बड़ी आयरन ओर कंपनी है, जो स्टील उद्योग को कच्चा माल देती है. यह कंपनी अब कॉपर और गोल्ड जैसे अन्य खनिजों में भी कदम रख रही है. NMDC का बैलेंस शीट बहुत मजबूत है, क्योंकि इसका कर्ज लगभग शून्य है. इसका रिटर्न रेशियो 15 फीसदी से ज्यादा है, जो इस क्षेत्र में सबसे अच्छा है. आय और मुनाफा पिछले कुछ सालों में कीमतों के साथ बदलता रहा, लेकिन हाल में फिर से बढ़ रहा है. आयरन ओर से नकदी आती है, और नए खनिजों में विस्तार से विकास की संभावना है.
वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited)
वेदांता भारत की सबसे बड़ी डायवर्सिफाइड संसाधन कंपनी है, जो जिंक, सिल्वर, कॉपर, एल्यूमिनियम, आयरन ओर और तेल-गैस में काम करती है. जब कमोडिटी की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसकी आय तेजी से बढ़ती है. पहले वेदांता का कर्ज ज्यादा था, लेकिन अब इसे कम किया गया है. इसका रिटर्न रेशियो हाल में 40 फीसदी के करीब पहुंचा है. सिल्वर और कॉपर इसके मुनाफे का बड़ा हिस्सा हैं.
डेटा सोर्स: BSE, Groww, Equity master
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डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.