Vikram Solar IPO: लिस्टिंग से पहले GMP का बुरा हाल, क्या हो पाएगी कमाई, 5642% मिला था सब्सक्रिप्शन
सोलर पैनल बनाने वाली कंपनी विक्रम सोलर आईपीओ 26 अगस्त को मार्केट में लिस्ट होने वाला है. मगर इसका GMP पहले ही लुढ़क गया है. ऐसे में इसमें कितनी कमाई होगी इसे लेकर निवेशक सोच में पड़े हुए हैं. हालांकि सब्सक्रिप्शन के दौरान इसे निवेशकों से अच्छा रिस्पांस मिला था.
Vikram Solar IPO: सोलर एनर्जी सेक्टर का दिग्गज खिलाड़ी विक्रम सोलर लिमिटेड जल्द ही मार्केट में लिस्ट होने की तैयारी में है. 19 अगस्त से 21 अगस्त तक खुले इस IPO को निवेशकों से जबरदस्त रिस्पांस मिला था. खासतौर पर आखिरी दिन इसने धमाकेदार बोलियां हासिल की. नतीजतन ये IPO कुल 56.42 गुना यानी 5642% सब्सक्राइब हुआ था. मगर 26 अगस्त को होने वाली लिस्टिंग से पहले ही इसका GMP निराश कर रहा है. निवेशकों के मन में सवाल है कि क्या ये बेहतर मुनाफा करा पाएगा या नहीं.
₹2,079.37 करोड़ का ये IPO निवेशकों के बीच शुरू से ही जबरदस्त उत्साह का केंद्र रहा है. यह मेनबोर्ड IPO 4,39,32,485 शेयरों के बदले 2,47,88,10,510 शेयरों के लिए आवेदन हासिल किए. आज यानी 22 अगस्त को इसका अलॉटमेंट था. ऐसे में जिन्होंने इसमें दांव लगाए थे, वो अलॉटमेंट स्टेटस चेक कर सकते हैं. कंपनी ने IPO खुलने से पहले 18 अगस्त को एंकर निवेशकों से ₹621 करोड़ जुटाए थे.
GMP में गिरावट
इंवेस्टरगेन के मुताबिक Vikram Solar IPO का GMP 22 अगस्त की दोपहर 01:53 बजे ₹39 था. इस लिहाज से ये अपने प्राइस बैंड 332 रुपये के मुकाबले 371 रुपये पर लिस्ट हो सकता है. इसमें महज 11.75 फीसदी का ही लिस्टिंग गेन मिल रहा है. जबकि पहले इसमें 13.55 फीसदी का लिस्टिंग गेन मिल रहा था. मगर लिस्टिंग से पहले ही इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP लुढ़क गया है. 21 अगस्त को ये 45 रुपये था, जबकि शुक्रवार यानी 22 अगस्त को गिरकर ये 39 रुपये पर पहुंच गया.
IPO की खास बातें
- IPO का प्राइस बैंड ₹315 से ₹332 प्रति शेयर तय किया गया था.
- रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम 45 शेयरों का लॉट साइज था, जिसके लिए ₹14,940 का निवेश जरूरी था.
- यह IPO ₹1,500 करोड़ के फ्रेश इश्यू और ₹579.37 करोड़ के ऑफर फॉर सेल (OFS) का मिश्रण था.
- प्रमोटर्स ज्ञानेश चौधरी, विक्रम कैपिटल मैनेजमेंट और अनिल चौधरी ने अपने शेयर बेचे थे.
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कंपनी के बारे में डिटेल्स
2005 में स्थापित विक्रम सोलर भारत के सबसे बड़े सोलर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल निर्माताओं में से एक है, जिसकी मौजूदा क्षमता 4.5 गीगावाट (GW) है. कंपनी के पास कोलकाता (फाल्टा SEZ) और चेन्नई (ओरागडम) में दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जो 3.2 GW और 1.3 GW की क्षमता रखती हैं. मार्च 2025 तक इसका ऑर्डर बुक 10.34 GW का है, जो इसकी कुल रेटेड क्षमता का 2.3 गुना है. इसमें 6,424.93 MW प्रोजेक्ट्स पहले से शुरू हैं, और 3,915.89 MW शुरू होने बाकी हैं.कंपनी FY26 तक अपनी क्षमता को 15.5 GW और FY27 तक 20.5 GW तक ले जाने की योजना बना रही है.
डिस्क्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.