डीपफेक से वॉइस क्लोनिंग तक, कैसे ठगों का सबसे बड़ा हथियार बना AI; आप कैसे रहे सुरक्षित, एक्सपर्ट्स ने दी चेतावनी
भारत में साइबर फ्रॉड के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. नई टेक्नोलॉजी और खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल ने इस समस्या को और जटिल बना दिया है. सवाल यह है कि एआई ठगों के लिए वरदान है या जनता की सुरक्षा का नया कवच?
देश में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और साथ ही AI भी हर रोज ज्यादा एडवांस हो रहा है. इससे सवाल उठता है कि क्या आने वाला वक्त एआई को सुरक्षा का सहारा बनाएगा या वही ठगों की सबसे खतरनाक औजार बनकर उभरेगा. साइबर एक्सपर्ट और फोनपे के हेड ऑफ ट्रस्ट से ये सवाल करने पर इन्होंने बताया कि जवाब सरल नहीं है, एआई दोनों का मजबूत माध्यम बन चुका है, पर इसे नियंत्रित कर के हम नुकसान कम कर सकते हैं.
AI: खतरा भी, समाधान भी
साइबर एक्सपर्ट, डॉ. रक्षित टंडन कहते हैं कि आज सबसे ज्यादा मिसयूज हो रहे हैं, डीपफेक, वॉइस क्लोनिंग और मोबाइल में भेजे जाने वाले खतरनाक APK के जरिए. उन्होंने कहा, “एक क्लिक में आपकी OTP और बैंक क्रेडेंशियल्स चोरी हो सकते हैं. सुरक्षा एजेंसियां और साइबर एक्सपर्ट भी एआई का इस्तेमाल कर अपराधियों को पकड़ने और पहचानने में कर रहे हैं. मेरा हमेशा कहना है कि AI को एक अच्छा स्लेव बनाओ, मास्टर मत बनने दो. यानी व्यवस्था में एआई का नियंत्रण और नैतिक इस्तेमाल जरूरी है. पर उससे सतर्कता भी इतनी रहे कि उसके जरिए आपसे कोई ठगी न कर ले.
अनुज भंसाली, हेड ऑफ ट्रस्ट एंड सेफ्टी, PhonePe, बताते हैं कि एआई एक टूल है, जो फल काटने के साथ दूसरों को डराने का भी काम कर सकता है. वे बताते हैं कि कस्टमर प्रोटेक्शन और फ्रॉड डिटेक्शन में एआई ने बहुत काम आसान कर दिया है. जैसे अब केवाईसी प्रोसेस ऑटोमेट होते हैं, ऐप यूसेज पैटर्न से पहचान होती है कि वही असली यूजर है या नहीं, और कंप्लेंट इन्वेस्टिगेशन मिनटों में होने लगे हैं.
यह भी पढ़ें: ट्रंप के 100% टैरिफ धमकी पर चीन का पलटवार, कहा- ‘जंग और प्रतिबंधों से नहीं निकलता हल’
आप क्या करें
सबसे पहले यूजर्स को सतर्क रहने की जरूरत है: अनजान लिंक और APK कभी न खोलें, ओटीपी शेयर न करें और आधिकारिक चैनलों से ही वेरिफाई करें. दूसरी ओर कंपनियों और सरकार को एआई-आधारित डिटेक्शन, रियल-टाइम फेशियल व वॉइस मेट्रिक्स को और मजबूत करना होगा. साथ ही कानून और टेक्नोलॉजी का तालमेल जरूरी है ताकि एआई टूल्स को उपयोगी स्लेव बनाकर रखा जा सके.