एयरटेल के हैं कस्टमर तो फ्री मिलेगा AI Perplexity Pro, DTH, Wi-Fi यूजर को भी फायदा, ऐसे करें क्लेम

एयरटेल ने दिग्गज AI कंपनी Perplexity के साथ पार्टनरशिप की है. इसके तहत टेलीकॉम कंपनी अपने ग्राहकों को Perplexity Pro के 12 महीने का सब्सक्रिप्शन फ्री में दे रही है. इससे Airtel के मोबाइल, Wi-Fi और DTH यूजर्स फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि हम इसका लाभ कैसे उठा सकते हैं, चलिए जानते हैं.

एयरटेल ने परप्लेक्सिटी से की साझेदारी

Airtel Offers Perplexity Pro: एयरटेल ने अपने कस्टमर्स के लिए एक बड़ी घोषणा की है. दरअसल एयरटेल ने दिग्गज AI कंपनी Perplexity के साथ पार्टनरशिप की है. इसके तहत टेलीकॉम कंपनी अपने ग्राहकों को Perplexity Pro के 12 महीने का सब्सक्रिप्शन फ्री में दे रही है. इस सर्विस की असली कीमत करीब 17,000 रुपये है. इससे Airtel के मोबाइल, Wi-Fi और DTH यूजर्स फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि हम इसका लाभ कैसे उठा सकते हैं, चलिए जानते हैं.

मिलेंगे कई एडवांस फीचर

परप्लेक्सिटी प्रो एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो सामान्य सर्च इंजन से अलग काम करता है. यह वेब लिंक देने की बजाय सीधे डॉयरेक्ट, सटीक और भरोसेमंद जवाब देता है वो भी नार्मल बातचीत की भाषा में. इसके जरिए अनलिमिटेड प्रो सर्च, GPT-4.1 और Claude जैसे एडवांस AI मॉडल्स तक एक्सेस, गहराई से रिसर्च और एनालिसिस की सुविधा, डॉक्युमेंट अपलोड कर जवाब पाने का ऑप्शन, इमेज जनरेट करना साथ ही AI के साथ नए आइडिया बनाने का स्पेस Perplexity Labs मिलेगा.

यूजर्स कैसे ले सकते हैं लाभ ?

एयरटेल यूजर्स को इसके लिए कुछ खास नहीं करना होगा. बस Airtel Thanks App खोलें और वहीं से इस सब्सक्रिप्शन का फायदा उठाएं.

किनके लिए फायदेमंद है यह सर्विस?

यह सुविधा हर उस व्यक्ति के लिए काम की है जो इंटरनेट पर समय बचाकर स्मार्ट तरीके से जानकारी पाना चाहता है. चाहे स्टूडेंट हों, नौकरीपेशा, घरेलू महिला या बार-बार ट्रैवल करने वाले, यह AI टूल हमारे काम को आसान बना सकता है. ऐसे समय में जब टेलीकॉम कंपनियों के बीच मुकाबला बहुत तेज है, एयरटेल का यह कदम नए यूजर्स को जोड़ने और मौजूदा यूजर्स को बनाए रखने की एक स्मार्ट कोशिश मानी जा रही है.

क्या है Perplexity AI ?

Perplexity एक AI-पावर्ड आंसर इंजन है. इसकी स्थापना 2022 में हुई थी, जिसे साइटेशन के साथ सटीक उत्तर देने, डीप रिसर्च करने जैसे कामों के लिए डिजाइन किया गया है. इसका मकसद पारंपरिक सर्च इंजन और AI-ड्रिवन इंटरफेस के बीच की खाई को पाटना है, जो हर हफ्ते ग्लोबल लेवल पर 150 मिलियन से अधिक सवालों के जवाब देता है.

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