इस शख्स ने बनाई आकाश मिसाइल, पाकिस्तान के हर हमले को कर रही है नाकाम, कलाम भी हो जाते खुश !

भारत में विकसित ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम ने पाक हमलों के दौरान ड्रोन व मिसाइलों को नष्ट कर देश को बचाया. इसे DRDO वैज्ञानिक डॉ. प्रह्लादा रामाराव ने 15 वर्षों में विकसित किया है. यह सिस्टम 20 किमी तक के हवाई लक्ष्यों को भेद सकता है और ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक से काम करता है.

भारत में विकसित ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम ने पाक हमलों के दौरान ड्रोन व मिसाइलों को नष्ट कर देश को बचाया.

Akash missile: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान लगातार हमला कर रहा है. हालांकि, इन हमलों में से ज्यादातर को एयर डिफेंस सिस्टम हवा में ही मार गिरा रहे हैं. इन एयर डिफेंस सिस्टम में सबसे ज्यादा चर्चा रूस में बनी एस-400 डिफेंस सिस्टम की हो रही है. लेकिन यही एकमात्र एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है जो पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिरा रहा है. इसके अलावा भारत में बना आकाश मिसाइल सिस्टम की भी चर्चा जोरों पर है. मेड इन इंडिया ब्रांड यह सिस्टम ने कई पाकिस्तानी अटैक्स को नाकाम किया है. इसकी इस कामयाबी पर इसे बनाने वाले डीआरडीओ के वैज्ञानिक डॉ. प्रह्लादा रामाराव ने खुशी जाहिर की है.

15 साल से ज्यादा समय में बना

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. प्रह्लादा ने कहा कि इस सिस्टम को बनाने में 15 साल से ज्यादा का समय लगा है. यह मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन है, जब मैंने अपने बच्चे को दुश्मन के हवाई हमलों को इतनी सटीकता और खूबसूरती से नष्ट करते देखा. मेरी आंखों में आंसू आ गए. डॉ. प्रह्लादा को इस प्रोजेक्ट के लिए मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने चुना था.

किस तरह के हमले रोक सकता है आकाश

बात अगर देश में बने आकाश की करें तो यह ड्रोन, मिसाइलें, हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट से किए गए हमलों को रोकने में सक्षम है. इस सिस्टम को कई बार टेस्ट करने के बाद भारत की सेना में शामिल किया गया था और आज यह सेना का एक मुख्य हथियार बन गया है. इसको बनाने में लगभग 1000 करोड़ रुपये का खर्च आया था. भारत के अलावा इसकी मांग दुनिया के कई देश कर रहे हैं. हाल ही में अर्मेनिया को यह दिया गया है. दोनों देशों के बीच इसको लेकर 6000 करोड़ रुपये का डील हुआ था.

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क्या है इसकी तकनीकी खासियत

इसे भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने बनाया है. इसकी तकनीकी खासियत की बात करें तो यह एक शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल है, जो अपने टारगेट को 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक मार सकती है. इसके प्रत्येक लॉन्चर में 3 मिसाइलें होती हैं और यह मल्टी-सेंसर रियल टाइम डेटा प्रोसेसिंग पर काम करता है, जिसके चलते यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक है.