WhatsApp में आ रहा है कमाल का फीचर, अब Meta AI में लगेगा रियल टाइम वॉइस चैट का तड़का; जानें कैसे करेगा काम
WhatsApp में कमाल का फीचर आ रहा है. अब Meta AI के साथ यूजर्स रियल टाइम वॉइस चैट कर सकते है. यह नया फीचर यूजर्स को मेटा एआई चैटबॉट के साथ आवाज के जरिए बात करने की सुविधा देता है. इस फीचर से यूजर्स मेटा एआई के साथ फोन कॉल की तरह वॉयस चैट कर सकते हैं. चैट टैब में मेटा एआई चैटबॉट खोलकर एक वेवफॉर्म आइकन पर टैप करके वॉयस चैट शुरू की जा सकती है.
Voice Chat in meta AI: WhatsApp अपने एंड्रॉयड ऐप में मेटा एआई के साथ वॉयस चैट की टेस्टिंग कर रहा है. यह नया फीचर यूजर्स को मेटा एआई चैटबॉट के साथ आवाज के जरिए बात करने की सुविधा देता है. फीचर ट्रैकर WABetaInfo के मुताबिक, यह फीचर व्हाट्सएप बीटा वर्जन 2.25.21.21 में कुछ यूजर्स को मिला है और जल्द ही और बीटा टेस्टर्स तक पहुंचेगा.
मेटा AI के साथ फोन कॉल की तरह कर सकते हैं वॉयस चैट
इस फीचर से यूजर्स मेटा एआई के साथ फोन कॉल की तरह वॉयस चैट कर सकते हैं. चैट टैब में मेटा एआई चैटबॉट खोलकर एक वेवफॉर्म आइकन पर टैप करके वॉयस चैट शुरू की जा सकती है. यूजर्स मेटा एआई की सेटिंग्स में एक टॉगल ऑन करके वॉयस चैट को ऑटोमैटिक शुरू होने के लिए सेट कर सकते हैं, लेकिन डिफॉल्ट में यह बंद रहता है. इससे यूजर्स को पूरी आजादी मिलती है कि वे चैट कैसे शुरू करना चाहते हैं.
ऐसे कर सकते है इस्तेमाल
वॉयस चैट को कॉल्स टैब से भी शुरू किया जा सकता है. वहां मेटा एआई कॉन्टैक्ट पर टैप करने से तुरंत चैट शुरू हो जाती है. यह डिजाइन कॉल्स टैब की हैंड्स-फ्री और तुरंत कनेक्ट होने की खासियत से मेल खाता है. वॉयस चैट में डिफॉल्ट सुझाव दिए जाते हैं, जो यूजर्स को बातचीत शुरू करने में मदद करते हैं. एक “कॉलैप्स” आइकन भी है, जिससे वॉयस चैट बैकग्राउंड में चलती रहती है, ताकि यूजर्स दूसरे ऐप्स इस्तेमाल कर सकें, जैसे व्हाट्सएप कॉल में होता है.
यूजर्स का प्राइवेसी पर होता है पूरा कंट्रोल
यूजर्स का प्राइवेसी पर पूरा कंट्रोल है. वे माइक्रोफोन को म्यूट कर सकते हैं, ‘X’ बटन से चैट खत्म कर सकते हैं, या टेक्स्ट चैट पर वापस जा सकते हैं. एंड्रॉयड का प्राइवेसी इंडिकेटर यूजर्स को बताता है कि माइक्रोफोन कब एक्टिव है, ताकि यह स्पष्ट रहे कि मेटा एआई कब सुन रहा है. अभी व्हाट्सएप ने यह नहीं बताया कि यह फीचर सभी यूजर्स के लिए कब आएगा. यह फीचर अभी टेस्टिंग में है और केवल कुछ बीटा टेस्टर्स तक सीमित है.