ऑपरेशन चक्र-V: सिम कार्ड फ्रॉड की जड़ तक पहुंची CBI, आठ राज्यों में 38 स्थानों पर छापेमारी, पांच गिरफ्तार
देश में एक बार फिर डिजिटल सुरक्षा को लेकर खतरे की घंटी बजी है. एक बड़े ऑपरेशन के तहत CBI ने कई राज्यों में एकसाथ छापेमारी की है. इस कार्रवाई से जो खुलासे हुए हैं, वो न सिर्फ चौंकाने वाले हैं बल्कि आम नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.
देश में बढ़ते साइबर अपराध और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे मामलों पर नकेल कसने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. ‘ऑपरेशन चक्र-V’ के तहत CBI ने आठ राज्यों में 38 स्थानों पर टेलीकॉम ऑपरेटरों के पॉइंट ऑफ सेल एजेंट्स (PoS Agents) के ठिकानों पर छापेमारी की. इन एजेंट्स पर आरोप है कि वे साइबर अपराधियों और कुछ अज्ञात टेलीकॉम अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी सिम कार्ड जारी कर रहे थे, जिन्हें डिजिटल फ्रॉड, फर्जी गिरफ्तारी, निवेश घोटाले, UPI ठगी जैसे मामलों में इस्तेमाल किया जा रहा था.
कई राज्यों में एकसाथ बड़ी छापेमारी
CBI की यह तलाशी कार्रवाई असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में फैली थी. इन जगहों पर CBI ने 38 PoS एजेंट्स के ठिकानों की तलाशी ली. छापेमारी के दौरान एजेंसी ने मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, फर्जी KYC दस्तावेज और अवैध रूप से जारी किए गए सिम कार्ड्स से जुड़ी सामग्री जब्त की है.
फर्जी सिम बेचने वालों पर शिकंजा
जांच में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी जानबूझकर KYC नियमों का उल्लंघन करते हुए सिम कार्ड्स को अनधिकृत तरीके से बेच रहे थे. इसमें शामिल लोग फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर सिम कार्ड एक्टिवेट करते थे, जो आगे चलकर साइबर ठगों के हाथों में पहुंचते थे. CBI ने इस कार्रवाई में चार राज्यों से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
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सरकार की साइबर अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
CBI की इस कार्रवाई को सरकार की उस नीति से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें साइबर अपराध के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही गई है. ऑपरेशन चक्र-V इसी दिशा में एक ठोस पहल है जिसका उद्देश्य न सिर्फ अपराधियों को पकड़ना है बल्कि उनकी पूरी सप्लाई चेन को भी ध्वस्त करना है. CBI ने कहा है कि इस मामले में जांच अब भी जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां संभव हैं.