दिवाली-छठ में कंफर्म ट्रेन टिकट के नाम पर साइबर ठगी, जानें कैसे करें बुकिंग, इन टिप्स को फॉलो कर रहें सेफ
छठ पर्व और दीवाली जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान देशभर में लाखों लोग अपने घरों की ओर रुख करते हैं, जिससे ट्रेन टिकटों की मांग आसमान छूती है. इस बार भी 25 अक्टूबर तक दिल्ली से पटना जाने वाली ट्रेनों में टिकट नहीं बचे, और लोग ऊंची कीमतें चुकाने को तैयार हैं. लेकिन इस मजबूरी का फायदा उठाकर साइबर ठग नकली टिकट और फर्जी वेबसाइटों से लोगों को ठगते हैं. जानें इस तरह की ठगी से कैसे बचें और अगर ठगी का शिकार हो जाएं, तो क्या करें.
देशभर में छठ पर्व और दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों को लेकर हर वर्ष लाखों लोग अपने घर लौटने के लिए ट्रेनों की टिकट बुक करते हैं. इस बार भी छठ और दिवाली के दौरान टिकट की भारी मांग देखी जा रही है, जिसके कारण कंफर्म ट्रेन टिकट मिलना लोगों के लिए एक चुनौती बन गया है. आलम यह है कि 25 अक्टूबर तक दिल्ली से पटना जाने वाली किसी भी ट्रेन में टिकट नहीं मिल रही है. लोग वास्तविक कीमत से अधिक किराया देने के लिए भी तैयार हैं. साइबर ठग लोगों की इसी मजबूरी का फायदा उठाते हैं और कंफर्म टिकट दिलाने के नाम पर ठगी करते हैं. कहीं इस त्योहार आप भी जालसाजों के निशाने पर ना आ जाएं. इस रिपोर्ट में आप जानेंगे कि ठग कैसे इस तरह की घटना को अंजाम दे सकते हैं.
ठग कैसे दे सकते हैं धोखा?
साइबर ठग नकली वेबसाइट, फर्जी फोन कॉल, व्हाट्सऐप मैसेज और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए यात्रियों को कंफर्म टिकट बुक कराने का झांसा देते हैं. वे अक्सर रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट जैसी दिखने वाली फेक वेबसाइट बनाकर या फर्जी टिकट एजेंट बनकर लोगों से ऑनलाइन पेमेंट करवाते हैं. इसके बाद टिकट ना देकर पैसे लेकर गायब हो जाते हैं. कई बार वे यात्रियों को फर्जी टिकट भी भेज देते हैं. लेकिन ट्रेन में सफर के दौरान पता चलता है वो फर्जी है.
ठगी से कैसे बचें?
यात्रियों को केवल रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप का ही इस्तेमाल करना चाहिए. किसी भी अनजान लिंक या संदिग्ध नंबर से संपर्क ना करें. टिकट बुकिंग के दौरान सावधानी बरतें और केवल भरोसेमंद माध्यमों से ही एडवांस भुगतान करें. सोशल मीडिया पर चल रही टिकट बुकिंग सेवाओं पर भरोसा ना करें, खासकर अगर वे अत्यधिक कम कीमत या तत्काल कंफर्म टिकट का दावा कर रहे हों. इसके लिए आप IRCTC के माध्यम से ही बुकिंग करें. अगर थर्ड पार्टी के जरिए टिकट बुक करते हैं, तो उसकी जांच करें कि वो ऑथेंटिक है भी या नहीं.
ठगी होने के बाद क्या करें?
यदि किसी को ठगी का शिकार होना पड़े तो तुरंत अपने बैंक या पेमेंट वेबसाइट को सूचित करें ताकि ट्रांजैक्शन को रोकने की कोशिश की जा सके. इसके साथ ही नजदीकी साइबर सेल या रेलवे पुलिस स्टेशन में फर्जीवाड़े की रिपोर्ट दर्ज कराएं. सभी संवाद और भुगतान के दस्तावेज सुरक्षित रखें ताकि जांच में मदद मिल सके.
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