Google Maps नहीं कर पाएगा गुमराह! अपनाएं ये टिप्स दिखाएगा सही रास्ता
गूगल मैप्स का इस्तेमाल दिशा-निर्देश और लोकेशन ट्रैकिंग के लिए होता है, लेकिन कभी-कभी गलत दिशा या लोकेशन समस्याएं आ सकती हैं. ऐसे में सटीकता सुधारने के उपाय जानना जरूरी है.

Google maps का उपयोग केवल दिशा-निर्देश प्राप्त करने के लिए नहीं, बल्कि किसी को अपने पास बुलाने और लोकेशन शेयर करने के लिए भी किया जाता है. आजकल कहीं भी जाना हो, बिना किसी से दिशा पूछे, गूगल मैप्स के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है. हालांकि, कभी-कभी ऐसा होता है कि आप जिस स्थान पर जाना चाहते हैं, उसका पता डालने के बाद भी मैप्स आपको गलत जगह पर पहुंचा देता है. या कभी आप गूगल मैप्स के निर्देशों से भ्रमित हो जाते हैं.
हाल ही में बरेली की एक दर्दनाक घटना सामने आई है जिसमें गूगल मैप्स की सहायता से गंतव्य तक जा रहे 3 लोगों की कार निर्माणाधीन पुल से नीचे गिर गई. तीनों लोगों की इस घटना में मृत्यु हो गई. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि गूगल मैप्स को कैसे सही करें और यदि आप गलत दिशा में जा रहे हैं, तो उसे तुरंत सुधारकर सही मंजिल तक कैसे पहुंचें.
क्या है कारण ?
- जब आप गूगल मैप्स खोलते हैं, तो आपकी प्रेजेंट लोकेशन को नीले बिंदु (Blue Dot) के रूप में दिखाया जाता है.
- यदि मैप्स आपका सटीक स्थान नहीं पकड़ पाता है, तो नीले बिंदु के चारों ओर हल्का नीला घेरा दिखाई देता है.
- घेरा जितना छोटा होगा, लोकेशन उतनी ही सटीक होगी.
- कभी-कभी नीला बिंदु ग्रे हो जाता है या बिल्कुल दिखाई नहीं देता.
- इसका अर्थ है कि गूगल मैप्स आपकी लोकेशन को सटीकता से ट्रैक नहीं कर पा रहा है.
- ऐसा तब होता है जब आस-पास ऊंची इमारतें, कमजोर नेटवर्क, या अन्य बाधाएं मौजूद होती हैं.
अपना प्रेजेंट लोकेशन को कैसे खोजें?
- सबसे पहले अपने फोन पर गूगल मैप्स ऐप खोलें.
- अगर ब्लू पॉइंट दिखाई नहीं दे रहा है, तो स्क्रीन के बाईं ओर दिए गए ‘Your Location’ ऑप्शन पर टैप करें.
- इससे मैप्स आपकी वर्तमान लोकेशन को रीसेट करेगा.
गलत दिशा में जाने पर क्या करें?
- ‘Recenter’ ऑप्शन पर टैप करें.
- अगर मैप्स कंफ्यूजिंग हो, तो दिशा स्पष्ट करने के लिए ज़ूम इन और आउट करें.
- ऑफलाइन मैप्स डाउनलोड करें और उनका उपयोग करें.
गूगल मैप्स लोकेशन को कैसे ट्रैक करता है?
- गूगल मैप्स सैटेलाइट की मदद से लगभग 20 मीटर की सटीकता तक आपकी लोकेशन का पता लगाता है. हालांकि ऊंची इमारतों या बेसमेंट में यह सटीकता कम हो सकती है.
- मैप्स आपके आस-पास के वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करके आपकी लोकेशन को पहचानने की कोशिश करता है.
- आसपास के सेल टावरों से सिग्नल लेकर गूगल मैप्स आपके लोकेशन को ट्रैक करता है.
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