नई कार लेते वक्त Extended Warranty लेना सही फैसला है या नुकसान का सौदा? जानिए पूरी डिटेल

नई कार लेते समय Extended Warranty का ऑफर आकर्षक लगता है, लेकिन क्या यह वाकई जरूरी है? इस आर्टिकल में जानिए एक्सटेंडेड वारंटी के फायदे, नुकसान और यह कैसे आपकी कार की लंबी उम्र और खर्चों को प्रभावित कर सकती है. फैसला करने से पहले पढ़ें पूरी डिटेल.

एक्सटेंडेड वारेंटी- फायदा नुकसान Image Credit: @Money9live

Extended Warranty: नई कार खरीदना हर किसी के लिए एक बड़ा सपना और इन्वेस्टमेंट होता है. जब आप शोरूम में नई चमचमाती कार लेने जाते हैं, तो सेल्स एग्जीक्यूटिव आपको एक्सेसरीज, इंश्योरेंस के साथ-साथ एक और ऑफर देते हैं – Extended Warranty का. इसके लिए आपको स्टैंडर्ड वारंटी के अलावा कुछ अतिरिक्त पैसे चुकाने होते हैं. लेकिन क्या यह वाकई में जरूरी है? यह फैसला आपकी ड्राइविंग आदतों पर काफी हद तक निर्भर करता है. आइए विस्तार से जानते हैं.

क्या है एक्सटेंडेड वारंटी?

कंपनी की तरफ से हर नई कार पर एक स्टैंडर्ड वारंटी दी जाती है, जो आमतौर पर 2 से 5 साल या कुछ किलोमीटर (जैसे 1 लाख किलोमीटर) तक वैध होती है. यह वारंटी अवधि खत्म होने के बाद अगर कार में कोई बड़ी तकनीकी खराबी आती है, तो ग्राहक को भारी खर्च उठाना पड़ सकता है. Extended Warranty इसी स्थिति में काम आती है. यह एक तरह का प्रोटेक्शन प्लान है, जिसमें इंजन, गियरबॉक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई बड़े रिपेयर कवर होते हैं. इसके लिए आपको एक्स्ट्रा पैसे देने पड़ते हैं. अब इसके फायदे और नुकसान पर नजर डालते हैं.

फायदे: एक्सटेंडेड वारंटी क्यों लें?

  • महंगे रिपेयर से बचाव- इंजन या गियर बॉक्स की रिपेयरिंग का खर्च लाखों में पहुंच सकता है. एक्सटेंडेड वारंटी होने पर यह खर्च जीरो हो सकता है.
  • रीसेल वैल्यू बढ़ती है- अगर आप कार को बाद में बेचते हैं तो एक्टिव वारंटी होने से नई खरीददार को भरोसा मिलेगा और आपकी कार ज्यादा कीमत पर बिक सकती है.
  • मानसिक शांति- आपको हर बार सर्विसिंग के समय भारी-भरकम बिल की चिंता नहीं करनी पड़ेगी.

नुकसान: कब न लें एक्सटेंडेड वारंटी?

  • सभी चीजें कवर नहीं होतीं- ब्रेक पैड, क्लच प्लेट, सस्पेंशन, टायर, पेंट डैमेज और सामान्य Wear & Tear जैसे पार्ट्स इस वारंटी में शामिल नहीं होते.
  • कम ड्राइविंग वालों के लिए फायदे का सौदा नहीं- अगर आप साल में 5,000-6,000 किमी ही कार चलाते हैं तो शायद आपको इसकी जरूरत ही न पड़े.
  • थर्ड पार्टी वारंटी में रिस्क- थर्ड पार्टी कंपनियां सस्ते प्लान देती हैं, लेकिन इनमें क्लेम रिजेक्शन की संभावना ज्यादा होती है.

कैसे और कब खरीदें एक्सटेंडेड वारंटी?

कार खरीदते समय ही वारंटी लेना बेहतर होता है. डीलर उस वक्त आपको डिस्काउंट या पैकेज ऑफर दे सकता है. इससे इतर, वारंटी लेने से पहले उसके कवरेज को ध्यान से जरूर पढ़ें. देखें कि इसमें कौन-कौन से पार्ट्स शामिल हैं. तीसरी अहम बात यह है कि कोशिश करें कि कार बनाने वाली कंपनी से ही वारंटी लें, थर्ड पार्टी से बचें.

आपके लिए सही या नहीं?

अगर आप 5-7 साल तक कार रखने की सोच रहे हैं या आपकी कार ज्यादा हाईटेक (ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक्स फीचर्स वाली) है तो Extended Warranty लेना समझदारी है. लेकिन अगर आप हर 3-4 साल में कार बदलते रहते हैं, तो यह खर्च बचाना बेहतर रहेगा. क्योंकि कम से में आमतौर पर गाड़ियों में खराबी की शिकायत कम आती है. ऐसे में एक्सटेंडेड कवर के तौर पर दिए गए आपके पैसे का कोई मतलब नहीं रहेगा.

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