गूगल रिव्यू के नाम पर बढ़ रही ठगी, जानिए अपना रहे कौन सा तरीका, कैसे बचें और ठगी होने के बाद क्या करें

आज डिजिटल युग में गूगल रिव्यू ठगी का नया हथियार बन गया है. साइबर अपराधी गूगल के नाम पर फोन करके कैशबैक का झांसा देते हैं और लोगों को फर्जी लिंक पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करते हैं. इसके बाद उनके बैंक खाते खाली हो जाते हैं. सावधानी और जागरूकता ही इससे बचाव का रास्ता है.

Cyber Fraud Image Credit: @chatGpt

Google Review jobs Scam: आज के डिजिटल दौर में जहां हर छोटी-बड़ी खरीदारी से लेकर रेस्टोरेंट या होटल बुकिंग तक गूगल रिव्यू पर आधारित हो गई है, वहीं साइबर अपराधियों ने इसे भी ठगी का नया हथियार बना लिया है. गूगल रिव्यू अब सिर्फ ग्राहकों की राय जानने का जरिया नहीं रह गया है, बल्कि धोखेबाजों के लिए लोगों को फंसाने का आसान बहाना बन चुका है.

ठग लोगों से कहते हैं कि अगर वे किसी प्रोडक्ट या दुकान पर अच्छा रिव्यू देंगे तो उन्हें कैशबैक, गिफ्ट वाउचर या भारी छूट मिलेगी. गूगल का नाम सुनकर आम लोग झांसे में आ जाते हैं और फिर उनकी मेहनत की कमाई कुछ ही मिनटों में खातों से साफ हो जाती है. सबसे बड़ी बात यह है कि गूगल जैसी बड़ी कंपनी का नाम बीच में आने से लोगों को शक भी नहीं होता और यही अपराधियों का सबसे बड़ा हथियार है. गृह मंत्रालय की वेबसाइट cyberdost ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है.

ठगी होती कैसे है?

ठग खुद को गूगल का प्रतिनिधि या किसी सर्विस कंपनी का कर्मचारी बताकर फोन या मैसेज करते हैं. वे दावा करते हैं कि—

इसके बाद वे पीड़ित को किसी लिंक पर क्लिक करने, ऐप डाउनलोड करने या बैंक/UPI डिटेल्स साझा करने के लिए कहते हैं. जैसे ही शिकार उनकी बातों में आता है, अकाउंट से पैसे उड़ जाते हैं. लोग अक्सर फ्री गिफ्ट, ऑफर या कैशबैक के लालच में आ जाते हैं. साथ ही, गूगल का नाम जुड़ा होने से उन्हें धोखे का शक नहीं होता.

इससे कैसे बचें?

सावधान रहें – गूगल या कोई भी कंपनी कभी रिव्यू देने के बदले पैसे या गिफ्ट की गारंटी नहीं देती.
अनजान लिंक/ऐप से दूर रहें – किसी भी मैसेज या कॉल में मिले लिंक पर क्लिक ना करें और थर्ड पार्टी ऐप इंस्टॉल ना करें.
बैंक डिटेल साझा ना करें – ओटीपी, यूपीआई पिन या कार्ड नंबर कभी किसी को ना बताएं.
ऑफर की पुष्टि करें – अगर कोई स्कीम असली लगे तो गूगल की आधिकारिक वेबसाइट या सपोर्ट पेज पर जांचें.

अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?

तुरंत अपने बैंक या UPI ऐप की हेल्पलाइन पर कॉल करके ट्रांजैक्शन ब्लॉक करवाएं. साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें. सभी सबूत (कॉल रिकॉर्डिंग, मैसेज, स्क्रीनशॉट, ट्रांजैक्शन डिटेल) सुरक्षित रखें. बैंक और पुलिस की कार्रवाई तक सतर्क रहें और अकाउंट पर नजर बनाए रखें.

Latest Stories

MobiKwik ऐप में खामी का फायदा उठाकर ₹40 करोड़ का घोटाला, 2500 बैंक खाते हुए फ्रीज; हुई गिरफ्तारी

WhatsApp ने बिजनेस समिट में पेश किए कई फीचर्स, स्टेटस Ads से लेकर AI सपोर्ट और पेमेंट तक हुए शामिल

Online गेम में 14 लाख हारने पर बच्चे ने दी जान, अपने मोबाइल में On कर लें ये सेटिंग, बच्चा व खाता दोनों रहेंगे सेफ

Gemini से खुद की सुंदर तस्‍वीरें बनवाना पड़ सकता है भारी, लीक हो सकती हैं प्राइवेट तस्‍वीरें, जानें क्‍या है रिस्‍क

ऑनलाइन आकर भूल से भी न करें ये गलतियां, सिर्फ पैसे ही नहीं ठग चुरा सकते हैं आपकी पहचान, अपनाएं ये 6 टिप्‍स

iPhone के 18 फीचर्स कर देंगे हैरान, आपने इनमें से किसी को आजमाया क्या? ढेर सारे काम होंगे आसान