GST कट से इकोनॉमी को होगा 2 लाख करोड़ का फायदा, लोगों के हाथ में होगा ज्यादा पैसा, निर्मला सीतारमण ने दी जानकारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आउटरीच और इंटरेक्शन प्रोग्राम में कहा कि जीएसटी की दरों में बदलाव से आम लोगों के हाथों में 2 लाख करोड़ रुपये आएंगे. उन्हाेंने कहा कि जीएसटी में बदलाव से लोगों के खर्च में बढ़ोतरी होगी. इससे चीजे किफायती होंगी क्योंकि लोगों के पास अधिक पैसा बचेगा.

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बताया कि नई पीढ़ी की टैक्स व्यवस्था से इकोनॉमी को 2 लाख करोड़ रुपये का लाभ होगा. उन्होंने कहा कि 2025 में जीएसटी राजस्व बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा जो 2028 में 7.19 लाख करोड़ रुपये था. वित्त मंत्री ने कहा कि इसके चलते लोगों के पास अब पहले से अधिक नकदी उपलब्ध है जो टैक्स में चली जाती थी.
क्या बोलीं वित्त मंत्री
जीएसटी सुधारों पर आयोजित आउटरीच और इंटरेक्शन प्रोग्राम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि टैक्स सुधारों के बाद 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में आने वाले 99 फीसदी सामान अब 5 प्रतिशत पर आ गए हैं. वहीं, 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आने वाली 90 प्रतिशत वस्तुएं 18 प्रतिशत स्लैब में शिफ्ट हो गई हैं.
उन्होंने आगे कहा कि इस नेक्सट जनरेशन टैक्स व्यवस्था में केवल दो स्लैब हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी राजस्व 2025 में बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा जो 2028 में 7.19 लाख करोड़ रुपये था. सीतारमण ने जानकारी दी कि करदाताओं की संख्या पहले के 65 लाख से बढ़कर अब 1.51 करोड़ हो गई है. सीतारमण ने GST काउंसिल को “सहकारी संघवाद” का बेहतरीन उदाहरण बताया और कहा कि यह स्वतंत्रता के बाद बनाया गया एकमात्र संवैधानिक निकाय है.
इसके पीछे का मकसद
वित्त मंत्री ने बताया कि नई GST प्रणाली को 5 प्रमुख मानदंडों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसमें गरीब और मध्यम वर्ग के लिए दरों में कमी, मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करना व किसान समुदाय को लाभ पहुंचाना शामिल है. MSME और रोजगार पैदा करने वाले सेक्टर को बढ़ावा देना और भारत की निर्यात क्षमता को बढ़ाना भी इसका मकसद है.
UPA सरकार पर साधा निशाना
वित्त मंत्री ने पिछली UPA सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे “टैक्स आतंकवाद” को बढ़ावा दे रही थी और 10 साल तक “वन नेशन, वन टैक्स” प्रणाली को लागू नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि सरकार को GST को लागू करने में काफी मेहनत करनी पड़ी ताकि देशभर में एक समान टैक्स व्यवस्था लाई जा सके.
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