NPS से UPS में जा सकेंगे केंद्रीय कर्मचारी, सरकार ने दिया एक और मौका, जानें तारीख
केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) चुनने का एक और मौका दे रही है. सरकार ने UPS में शामिल होने के लिए वन-टाइम ऑप्शन को बढ़ाने का फैसला लिया है. सरकार के मुताबिक, जिन केंद्रीय कर्मचारियों ने 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच सेवा ज्वाइन की है वे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को छोड़कर एकीकृत पेंशन योजना में स्थानांतरित हो सकते हैं.

केंद्र सरकार ने अब उन केंद्रीय कर्मचारियों को यूपीएस में शामिल होने के लिए वन-टाइम ऑप्शन को बढ़ाने का फैसला लिया है जो 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 तक सेवा में शामिल हुए हैं. और जिन्होंने राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) का विकल्प चुन रखा है. कर्मचारियों को एनपीएस से यूपीएस में स्विच करने के लिए 31 सितंबर 2025 तक आवेदन करना होगा. सरकार के मुताबिक, वह कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद के लिए बेहतर योजना बनाने का मौका देना चाहती है.
यूपीएस चुनने के बाद भी एनपीएस में जाने का रहेगा ऑप्शन
यूपीएस का उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा की योजना बनाने का विकल्प देना है. UPS को चुनने के बाद भी कर्मचारी NPS में जाने का विकल्प चुन सकते हैं.
1 अप्रैल 2025 से लागू है यूपीएस
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त 2024 को यूनिफाइड पेंशन स्कीम शुरू करने की मंजूरी दी थी. इसके बाद सरकार ने 24 जनवरी 2025 को यूपीएस को एनपीएस के अंतर्गत एक विकल्प के रूप में अधिसूचित किया था. एनपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को विकल्प चुनने का मौका दिया गया है. यूपीएस 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी है. इसके तहत किसी ने 25 साल तक काम किया है तो उसे पेंशन दी जाएगी. अगर आपकी सेवा 25 साल से कम है लेकिन 10 साल से अधिक है तो भी आपको पेंशन दी जाएगी. लेकिन अमाउंट कम होगा.
कैसे करें आवेदन
सभी पात्र केंद्रीय कर्मचारी Protean CRA की वेबसाइट https://npscra.nsdl.co.in पर जाकर UPS के लिए ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं. फॉर्म भरकर आप खुद भी ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं. आवेदन करने की लास्ट डेट 30 सितंबर 2025 कर दी गई है. इसके लिए ऑफलाइन आवेदन भी किया जा सकता है.
यूपीएस से क्या फायदा
यूपीएस में कम से कम 25 वर्ष की सेवा पूरी करने पर रिटायरमेंट के समय लास्ट 12 महीने की औसत बेसिक पे का 50 फीसदी पैसा पेंशन के रूप में मिलेगा, जबकि 10 वर्ष की नौकरी के बाद कर्मचारी को कम से कम 10, 000 रुपये महीना की पेंशन मिलेगी. कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में उसके जीवनसाथी को पेंशन का 60 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा. पेंशन पर महंगाई राहत भी मिलेगी. इससे सेवानिवृत्ति के बाद भी महंगाई से सुरक्षा बनी रहेगी. रिटायरमेंट और मृत्यु दोनों ही स्थितियों में कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भी मिलेगी. रिटायरमेंटपर एक मुश्तराशि भी मिलेगी जो सेवा के वर्षों के हिसाब से तय होगी.
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