ऑनलाइन आकर भूल से भी न करें ये गलतियां, सिर्फ पैसे ही नहीं ठग चुरा सकते हैं आपकी पहचान, अपनाएं ये 6 टिप्‍स

चोर अब ताला तोड़ने की बजाय डिजिटल रास्ते से चोरी करते हैं. साइबर हमले 138% बढ़ चुके हैं, जिससे लोग अरबों रुपये गंवा रहे हैं. कमजोर पासवर्ड, अनजान लिंक और असुरक्षित वाई-फाई इसका कारण हैं. अच्छी साइबर आदतें आप इस ठगी से बच सकते हैं.

Cyber Fraud Image Credit: Canva

What is cyber hygiene: चोर शब्द सुनते ही आपके दिमाग में क्या तस्वीर आती है? शायद एक ऐसा व्यक्ति जो आपके घर का ताला तोड़कर सामान चुराता हो. लेकिन ये तस्वीर अब पुरानी हो चुकी है. आज जालसाजों को चोरी के लिए ताला तोड़ने की जरूरत नहीं. हजारों किलोमीटर दूर बैठा कोई व्यक्ति आपके घर में सेंध लगा सकता है.

ये सब मुमकिन हुआ है डिजिटल पहुंच के कारण. आप डिजिटल दुनिया में मौजूद हैं और चोर भी, तो फिर ताला तोड़ने की क्या जरूरत! याद रखें, हर चोरी की साजिश कोई और रचता है, लेकिन गलती आपकी होती है. इसलिए अपनी डिजिटल आदतों में कुछ ऐसी सावधानियां अपनाएं, जिनसे आप साइबर ठगी से खुद को बचा सकें.

क्यों बढ़ रहे हैं साइबर हमले

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2023 तक भारत सरकार के सिस्टम पर साइबर हमले 138 फीसदी बढ़ गए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कई डाटा चोरी की घटनाओं की जानकारी दी. लोग यूपीआई धोखाधड़ी, फर्जी कॉल और फिशिंग के जरिए अरबों रुपये खो चुके हैं. इसके पीछे की वजह उनकी खुद की गलती है.

ये हैं आम गलतियां

आपकी एक गलती आपकी जेब पूरी तरह से खाली कर सकता है. लोग कमजोर पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं, अनजान लिंक पर क्लिक करते हैं, बैंक कोड शेयर करते हैं और असुरक्षित पब्लिक वाई-फाई से जुड़ते हैं. ये संकेत है कि आप भी साइबर ठग के निशाने पर आ सकते हैं. एक गलत क्लिक से पूरा अकाउंट हैक हो सकता है. चोर मिनटों में पैसे चुरा लेते हैं. इतना ही नहीं कई बार जालसाज आपके नाम पर किसी और से ठगी करते हैं. इस तरह से वे आपकी पहचान चुराते हैं.

CERT-In ने 2024-25 में बिजली, परिवहन और बैंकिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 9,700 से ज्यादा साइबर सुरक्षा जांच की. इनमें कई कमजोरियां मिलीं, जिन्हें सही साइबर हैबिट और नियमित प्रशिक्षण से रोका जा सकता है.

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डिजिटल सुरक्षा

स्कूलों में अब डिजिटल सुरक्षा की संबंधित विषय पढ़ाई जाती है. पुलिस वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्यशालाएं करती है, क्योंकि वे साइबर अपराध का आसान निशाना हैं. इनमें फर्जी वेबसाइट पहचानना, कॉलर की ऑथेंटिसिटी जांचना और सुरक्षित ऑनलाइन लेनदेन के तरीके सिखाए जाते हैं.

टू-स्टेप वेरिफिकेशन और मल्टी-स्टेप वेरिफिकेशन डिजिटल अकाउंट्स के लिए जरूरी होते हैं. टेक्नोलॉजी कंपनियां इन्हें बढ़ावा देती हैं, लेकिन लोग इसे नजरअंदाज करते हैं. हर महीने के पहले बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मनाया जाता है. यह कर्मचारियों और नागरिकों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाता है.

अपनी डिजिटल हैबिट में शामिल करें ये बातें

अच्छी साइबर आदतें अपनाने से साइबर हमलों का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है. इसके लिए नियमित सावधानी, शिक्षा और नई तकनीकों का सही उपयोग जरूरी है. डिजिटल साक्षरता आज के समय में हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य है, ताकि वे ऑनलाइन सुरक्षित रह सकें.