क्या होती है साइबर गुलामी, जिसके शिकार बन रहे हैं भारतीय, इन देशों से चलता है फ्रॉड का खेल

महाराष्ट्र साइबर विभाग ने लाओस से 6 भारतीयों को 'साइबर गुलामी' से छुड़ाया. उन्हें फर्जी विदेश नौकरी के ऑफर देकर लाओस ले जाया गया, जहां उनसे ऑनलाइन फ्रॉड करवाया जा रहा था. विरोध करने पर उन्हें टॉर्चर किया गया. यह रैकेट कथित तौर पर चीनी सिंडिकेट द्वारा चलाया जा रहा है.

महाराष्ट्र साइबर विभाग ने लाओस से 6 भारतीयों को 'साइबर स्लेवरी' से छुड़ाया. Image Credit: FREE PIK

Cyber Slavery India Laos Rescue: महाराष्ट्र पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 भारतीयों को लाओस से छुड़ाया है. इन लोगों को वहां पर साइबर गुलामी का शिकार बनाकर मजबूरन साइबर फ्रॉड कराया जाता था. इन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी नौकरी के नाम पर बैंकॉक बुलाया गया, फिर वहां से इन्हें लाओस के गुलामी सेंटर भेज दिया गया. इस दौरान इन्हें कई तरह की प्रताड़ना दी गई. इनको वहां पर 145 दिनों से ज्यादा बंदी बनाकर रखा गया था. इसका मास्टरमाइंड चीन का नागरिक है, जो वहां से बैठकर इस गैंग को लीड कर रहा था.

नौकरी के झांसे में आकर फंसे

द फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया के माध्यम से पहले इन लोगों को लुभावने और ज्यादा सैलरी वाली नौकरी का लालच दिया गया. फिर इन्हें बैंकॉक बुलाया गया. साइबर अपराधियों ने वहां पर इनका पासपोर्ट जब्त कर लिया. इसके बाद इन्हें साइबर गुलामी के लिए बदनाम लाओस के गुलामी सेंटर भेज दिया गया, जहां पर अपराधियों ने इन्हें भारत में साइबर फ्रॉड करने के लिए कहा. मना करने वालों को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा और इन लोगों को अंधेरे रूम में रखा गया और उनके साथ मारपीट की गई. कई बार तो इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया और उनके नाखून तक उखाड़े गए. बात मानने वाले लोगों को अपराधी 70,000 रुपये तक देते थे.

चीन से जुड़े हैं तार

इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने बताया कि यह गैंग 2022 से सक्रिय है. यह लोग थाईलैंड और अन्य पड़ोसी देशों के जरिए लोगों को लाओस ले जाते हैं. इसके पीछे चीन के सिंडिकेट हैं, जो भारतीय युवाओं को निशाना बना रहे हैं. हाल के दिनों में चीन से सक्रिय साइबर अपराधियों की सक्रियता बढ़ी है. पिछले महीने ही महाराष्ट्र पुलिस के साइबर सेल ने एक ऐसे ही मामले में कार्रवाई करते हुए म्यांमार से 60 भारतीयों को छुड़ाया था.

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साइबर गुलामी से कैसे बचें

  • फर्जी नौकरी के ऑफर से सावधान रहें
  • सोशल मीडिया या अनजान वेबसाइट्स पर मिले “विदेश नौकरी के ऑफर” पर तुरंत भरोसा न करें.
  • आकर्षक सैलरी, वीजा और टिकट की जल्दबाज़ी में प्रोसेसिंग फ्री जैसे वादों से सतर्क रहें.
  • सत्यापित एजेंट और कंपनियों से ही संपर्क करें
  • MEA (विदेश मंत्रालय) द्वारा रजिस्टर्ड रिक्रूटमेंट एजेंटों से ही संपर्क करें.
  • कंपनी की वेबसाइट, रिव्यू और GST/रजिस्ट्रेशन नंबर जरूर चेक करें.
  • डॉक्युमेंट्स किसी को न भेजें
  • पासपोर्ट, आधार, पैन आदि दस्तावेजों की स्कैन कॉपी या फोटो किसी अनजान को न भेजें.
  • ये दस्तावेज साइबर गुलामी के दौरान जब्त कर लिए जाते हैं.
  • फ्रॉड वेबसाइट्स और ऐप्स से बचें
  • फर्जी जॉब पोर्टल्स, डेटिंग ऐप्स या ऑनलाइन स्कैमिंग प्लेटफॉर्म्स से बचें, जो लोगों को टारगेट करते हैं.
  • विदेश यात्रा से पहले जानकारी पक्की करें
  • अगर कोई आपको बैंकॉक, म्यांमार या लाओस जैसे देशों से होकर ले जाने की बात करे, तो सतर्क हो जाएं.
  • ट्रैवल रूट, वीजा स्टेटस और कंपनी की उपस्थिति की जांच करें.