भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहा एक और खेल, बैकडोर से हो रहे ताबड़तोड़ हमले
भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक तनाव अब साइबर स्पेस तक पहुंच गया है, जहां हैक्टिविस्ट समूह एक-दूसरे के खिलाफ डिजिटल हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सरकारी और सैन्य वेबसाइटें खासतौर पर निशाने पर हैं. इन हालातों में इंटरनेट यूज़र्स को फ़िशिंग PDF और नकली वेबसाइटों से सतर्क रहने की ज़रूरत है. यह साइबर युद्ध सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि रणनीतिक हथियार बन चुका है जो राष्ट्रीय सुरक्षा और जनविश्वास को प्रभावित करता है.
India Pakistan Cyber War: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने उच्च स्तर पर है. दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका बनी हुई है. हालांकि एक ऐसा फ्रंट है, जहां युद्ध शुरू भी हो चुका है—हम बात कर रहे हैं साइबर अटैक की. हमले के बाद दोनों देशों के बीच साइबर अटैक्स में भारी तेजी देखी गई है. दोनों देशों के हैक्टिविस्ट समूह एक-दूसरे की सरकारी और निजी वेबसाइटों पर हैकिंग और साइबर हमलों में शामिल हो गए हैं, जिसकी वजह से सरकारी विभागों की वेबसाइटों पर खतरा ज्यादा बढ़ गया है.
दोनों देशों के हैकर सक्रिय
पिछले सप्ताह भारत के हैक्टिविस्ट ग्रुप ‘इंडिया साइबर फोर्स’ ने दावा किया है कि उन्होंने पाकिस्तान की कई सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं जैसे Euro Oil, AJK सुप्रीम कोर्ट, बलूचिस्तान यूनिवर्सिटी, वादा कॉल एजेंसी और सिंध पुलिस के डेटाबेस हैक कर लिए हैं. इससे पहले पाकिस्तानी ग्रुप ‘Team Insane PK’ ने भारतीय सेना कॉलेज ऑफ नर्सिंग की वेबसाइट हैक कर उस पर भड़काऊ और धार्मिक मैसेज पोस्ट किया था.
कई अटैक को किया नाकाम
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अधिकारियों ने पिछले कुछ समय में पाकिस्तान की ओर से किए गए कई साइबर अटैक्स को नाकाम कर दिया है. ये हमले भारत के रक्षा, सरकारी और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर किए गए थे. इस क्षेत्र के जानकारों ने एक फर्जी फाइल ‘Report & Update Regarding Pahalgam Terror Attack.pdf’ के इंटरनेट पर वायरल होने की जानकारी दी है, जो कि फिशिंग वेबसाइट indiadefencedepartment[.]link से जुड़ी है.
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फिशिंग अटैक से रहें सतर्क
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, APT36 (Transparent Tribe) नाम का पाकिस्तानी हैकर समूह CrimsonRAT मालवेयर और MeshAgent टूल के जरिए फिशिंग अटैक कर रहा है. उनका सब-ग्रुप SideCopy रेलवे और ऑयल सेक्टर को भी निशाना बना रहा है और CurlBack RAT जैसे नए मालवेयर का इस्तेमाल कर रहा है.