क्या रात में Wi-Fi बंद करने से मिलती है बेहतर नींद? विशेषज्ञों ने बताई पूरी सच्चाई

हाल ही में सोशल मीडिया पर यह सवाल तेजी से वायरल हुआ कि क्या रात में Wi-Fi राउटर बंद करने से नींद या स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है. इस पर विशेषज्ञों ने साफ कहा है कि Wi-Fi से निकलने वाली तरंगें बेहद कमजोर नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन होती हैं, जो वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित मानी जाती हैं. जानें क्या होता है असर.

वाई-फाई और स्वास्थ्य Image Credit: @Money9live

Wi-Fi on night is Harmful for Health?: मौजूदा समय में Wi-Fi ऐसी जरूरत हो गई है जिसके बिना इंटरनेट से जुड़ा कोई काम होना मुश्किल है. इसी सहूलियत के लिए लोग अपने घरों में वाई-फाई का सेटअप काफी बड़े तादाद में कर रहे हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर इन दिनों एक बहस तेज हो गई है कि क्या रात में Wi-Fi राउटर बंद करने से हेल्थ को कोई फायदा होता है. इस पूरे बहस को एक तरफ करते हुए आइए विशेषज्ञों से समझने की कोशिश करते हैं कि इसके असली मायने क्या हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में ग्लेनीगल्स अस्पताल, हैदराबाद के वरिष्ठ फिजिशियन और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. हिरण एस. रेड्डी के हवाले से इसकी जानकारी दी है.

Wi-Fi और शरीर पर उसका असर

रेड्डी ने इस बहस पर ब्रेक लगाते हुए अपनी राय जाहिर की. उन्होंने कह, “Wi-Fi राउटर से निकलने वाली तरंगें बहुत कम स्तर की नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन होती हैं, जिन्हें वैज्ञानिक रूप से सामान्य जीवन में सुरक्षित माना गया है. इसलिए, सामान्य लोगों के लिए रात में Wi-Fi बंद करना किसी खास शारीरिक बदलाव का कारण नहीं बनता.” हालांकि, डॉ. रेड्डी यह भी मानते हैं कि कुछ लोगों को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF) को लेकर संवेदनशीलता हो सकती है, जिन्हें सिरदर्द, नींद में परेशानी या मानसिक थकावट जैसे लक्षण महसूस होते हैं.

हालांकि इस विषय में वैज्ञानिक प्रमाण अब भी कोई खास नहीं है. वहीं रिपोर्ट में अपोलो अस्पताल, हैदराबाद के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार के हवाले से बताया गया कि “Wi-Fi राउटर 2.4 गीगाहर्ट्ज और 5 गीगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन प्रोड्यूस करते हैं. इनकी ऊर्जा बहुत ही कम होती है- यहां तक कि मोबाइल फोन के मुकाबले भी कम, जिसे लोग सीधे सिर से लगाकर इस्तेमाल करते हैं.”

नींद के लिए खतरा!

उनके अनुसार, घरों में आमतौर पर राउटर से 1-2 मीटर की दूरी पर रेडिएशन का प्रभाव बहुत ही मामूली होता है और इससे नींद में खलल पहुंचने या मेलाटोनिन हार्मोन (जो नींद को नियंत्रित करता है) पर असर पड़ने की संभावना बहुत कम है. इसके विपरीत, ब्लू लाइट यानी मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन से निकलने वाली रोशनी नींद की क्वालिटी को जरूर प्रभावित करती है. डॉ. रेड्डी ने बताया कि सीधे तौर पर Wi-Fi बंद करने से शरीर पर कोई बड़ा असर नहीं होता लेकिन रात में डिजिटल उपकरणों से दूरी बनाना नींद की क्वालिटी सुधार सकता है.

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Wi-Fi बंद करने से लोग देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल कम कर सकते हैं, जिससे मेलाटोनिन का स्तर बेहतर बना रह सकता है और नींद अच्छी आ सकती है. उन्होंने कहा कि अच्छी नींद, बीमारियों से बचने की क्षमता स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. ऐसे में Wi-Fi बंद करने का प्रभाव सीधे नहीं, बल्कि दूसरे तरीके से फायदेमंद हो सकता है.