जिसने बनाया आधार, अब लाएगा Finternet, घर-जमीन-सोना-चांदी सबके बनेंगे टोकन, सेकंडों में होगा सौदा !

इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि 2026 में अपना नया डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन Finternet लॉन्च करेंगे. यह प्लेटफॉर्म रियल एस्टेट, सोना, बॉन्ड्स और डिपॉजिट्स जैसी संपत्तियों को टोकनाइज करने और निवेश को आसान बनाने के लिए बनाया गया है. Finternet के माध्यम से यूजर संपत्ति में हिस्सेदारी खरीद सकेंगे और लेनदेन सुरक्षित और तेज होगा.

नंदन नीलेकणि अपना नया डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन Finternet लॉन्च करेंगे. Image Credit: CANVA

Finternet: देश को आधार जैसी टेक्निक देने वाले इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि जल्द ही देश में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) इनोवेशन लॉन्च करेंगे. यह सिस्टम फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन और प्रॉपर्टी इंवेस्टमेंट को आसान और सेफ बनाने के लिए डेवलप किया गया है. इससे सभी प्रकार की संपत्तियों, जैसे रियल एस्टेट, सोना, बॉन्ड्स और डिपॉजिट्स, को टोकनाइज किया जा सकेगा.

Finternet क्या है और कैसे काम करेगा

Finternet एक यूनिवर्सल डिजिटल नेटवर्क है, जो सुरक्षित और रेगुलेटेड तरीके से काम करेगा. इस सिस्टम के तहत कोई भी व्यक्ति रियल एस्टेट या अन्य संपत्ति में टोकनाइज्ड हिस्सेदारी खरीद सकता है. इसका मकसद पारंपरिक संपत्तियों की लॉक्ड वैल्यू को खोलना और आम लोगों के लिए निवेश को सरल बनाना है. नीलेकणि के अनुसार, यह तकनीक भारत के अलावा सिंगापुर, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और स्विट्जरलैंड में भी लागू होगी.

टोकनाइजेशन और एआई से आएगी क्रांति

नीलेकणि ने कहा कि आने वाले वर्षों में दो मुख्य ट्रेंड दिखाई देंगे, टोकनाइजेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस. रियल एस्टेट और सोने जैसी संपत्तियों में करोड़ों डॉलर की लॉक्ड वैल्यू को डिजिटल टोकन के माध्यम से खोलना आसान होगा. इससे निवेशक कम पैसे में संपत्ति में हिस्सेदारी ले सकेंगे, और पारंपरिक निवेश की सीमाओं को पार किया जा सकेगा.

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कई सेक्टर में दिखेगा असर

नीलेकणि ने कहा कि 2026 में Finternet के लाइव यूज केस कई सेक्टर्स और देशों में दिखाई देंगे. इससे नई कंपनियां उभरेंगी और कॉमर्शियल मॉडल विकसित होंगे. फिनटेक कंपनियां इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर निवेश, संपत्ति लेनदेन और वित्तीय सेवाओं को सरल और तेज बना सकेंगी.

संपत्ति निवेश को बनाएगा आसान

इस सिस्टम से अब रियल एस्टेट या जमीन में हिस्सेदारी टोकन के जरिए खरीद सकते हैं. साथ ही, संपत्ति खरीदना अब UPI पेमेंट जितना आसान होगा, क्योंकि खरीदार की पहचान और बैंक डिटेल्स डिजिटल प्रोफाइल से जुड़ी होंगी. यह सिस्टम निवेश और वित्तीय लेनदेन को और अधिक ट्रांजेक्शन और तेज बनाएगी.