UPI में आएगा नया नियम, किसी भी ऐप पर देख पाएंगे सभी AutoPay मैंडेट, इस डेट से होगा लागू
NPCI ने एक नया UPI ऑटोपे फ्रेमवर्क लॉन्च करेगा जिससे यूजर अपने सभी एक्टिव ऑटोपे मैनडेट्स को किसी भी यूपीआई ऐप (Google Pay, PhonePe, Paytm) पर देख और मैनेज कर पाएंगे, इसके साथ ही, मैनडेट्स को एक ऐप से दूसरे ऐप में ट्रांसफर भी किया जा सकेगा. आइये जानते है कि यह सुविधा कब से मिलेगी.

एनपीसीआई यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI ऑटोपे सिस्टम में एक बड़ा बदलाव कर दिया है. अब UPI यूजर्स किसी भी UPI ऐप पर अपने सभी एक्टिव ऑटोपे पेमेंट्स यानी मैंडेट देख सकेंगे. यह सुविधा Google Pay, PhonePe और Paytm समेत सभी UPI ऐप्स पर ,मिलेगी हों. इससे यूपीआई पेमेंट ऐप पर अब यूजर्स का पूरी तरह से कंट्रोल होगा. यूजर को पैसे कटने वाले सभी ऑटो पेमेंट की पूरी जानकारी एक साथ मिल जाएगी. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
क्या है इस नये सिस्टम का मतलब
इसके लागू होने के बाद यूजर्स यह देख पाएंगे कि किसी भी ऐप पर UPI के जरिए कौन से नियमित पेमेंट किए जा रहे हैं. अब यूजर को अपने सभी चल रहे UPI ऑटोपे मैनडेट्स (जैसे OTT सब्सक्रिप्शन, मोबाइल बिल या EMI) को किसी भी ऐप में देखने और मैनेज करने की सुविधा मिलेगी. इसका मतलब है कि अगर आपके कुछ ऑटोपे पेमेंट्स Google Pay पर हैं और कुछ PhonePe पर, तो अब आप दोनों मैनडेट्स को किसी एक ऐप में देख सकते हैं
इसके अलावा, यूजर एक ऐप से दूसरे ऐप में अपने मैनडेट्स ट्रांसफर यानी पोर्ट भी कर पाएंगे. इससे पेमेंट्स पर नियंत्रण आसान होगा और डिजिटल भुगतान अनुभव और सुविधाजनक बनेगा.
यह कब लागू होगा
एनपीसीआई ने 7 अक्टूबर को एक सर्कुलर जारी कर बताया कि सभी बैंक और UPI ऐप्स को यह नया सिस्टम 31 दिसंबर 2025 तक लागू करना होगा.
NPCI ने क्या निर्देश दिए?
NPCI ने सभी बैंकों और UPI ऐप्स से कहा है कि वे अपने ऐप में एक Manage Bank Accounts या UPI Autopay का सेक्शन बनाएं. इस सेक्शन पर यूजर अपने सभी ऑटोपे मैनडेट्स देख सकें और चाहें तो उन्हें दूसरे ऐप में ट्रांसफर कर सकेंगे. NPCI के अनुसार. किसी भी ऐप को यूजर को पोर्ट करने के लिए कैशबैक, ऑफर या नोटिफिकेशन देकर लालच नहीं देना चाहिए. मैनडेट को पोर्ट करने की सुविधा केवल यूजर की इच्छा पर ही होनी चाहिए.
एक और नया सिक्योरिटी फीचर आएगा
NPCI ने एक और सर्कुलर में बताया है कि अब UPI PIN सेट या रीसेट करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा दी जाएगी. यह ऑन-डिवाइस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन फिलहाल ₹5,000 तक के ट्रांजैक्शन के लिए लागू रहेगा. यह लिमिट बाद में बढ़ाई जा सकती है.
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