QR Code का क्या मतलब है, किसने बनाया – जानें सब कुछ

QR कोड आज से तीन दशक पहले की तकनीक है जिसका इस्तेमाल आज हर तरह और खासकर पेमेंट सिस्टम में काम में आ रहा है. चलिए आपको बताते हैं QR कोड की पूरी कहानी...

QR Code का क्या मतलब है, किसने बनाया - जानें सबकुछ Image Credit: Kanawa_Studio/E+/Getty Images

QR कोड नाम तो सुना ही होगा और काम भी पता होगा लेकिन यहां आपको बताएंगे कि यह किस तकनीक पर काम करता है और कैसे काम करता है. साथ ही बार कोड, QR कोड से कितना अलग है? इसे किसने और कब बनाया चलिए सब जानते हैं.

QR कोड एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल लगभग हर कोई कहीं न कहीं कर रहा है. ये वही तकनीक है जिसे आप अपने मोबाइल से स्कैन करते हैं या किसी दुकान में ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त इस्तेमाल करते हैं. QR का मतलब है “क्विक रिस्पॉन्स” यानी तेजी से जानकारी देने वाला कोड होता है.

QR कोड क्या है और कैसे काम करता है?

QR कोड एक खास तरीके का बारकोड होता है, जिसे स्कैन करने पर तुरंत जानकारी मिल जाती है. बार कोड QR कोड से भी पहले आया, इसमें सफेद बैग्राउंड पर काली लाइनें खींचीं होती है. इसे एक ही दिशा में बनाया जाता है जबकि QR कोड दोनों दिशा में बनता है – सीधा और लेटा हुआ. QR कोड में काले और सफेद छोटे-छोटे बॉक्स बने होते हैं, जो एक खास पैटर्न में होते हैं. ये पैटर्न काफी यूनिक होता है, इतना यूनिक की कभी रिपीट नहीं होता, हर QR कोड का अपना अलग पैटर्न होता है.

QR कोड को स्कैन करने के लिए आपके फोन में QR कोड स्कैनर या कैमरा होना चाहिए. इसे स्कैन करते ही आपको QR कोड में छिपी जानकारी जैसे वेबसाइट लिंक, टेक्स्ट, कांटैक्ट डिटेल्स, पेमेंट डिटेल्स, आदि मिल जाएगी. कैमरा इस कोड को डिकोड कर लेता है.

QR कोड में जानकारी दो दिशाओं में स्टोर होती है – बार कोड जिसमें सीधी लाइन होती है दूसरा है, बॉक्स आकार में जो QR कोड करता है. बारकोड की तुलना में QR कोड छोटे आकार में ज्यादा डेटा स्टोर कर सकता है. यही कारण है कि QR कोड का ज्यादा इस्तेमाल होता है.

किसने और कब बनाया QR कोड?

अगर आप जेन-जी हैं और सोच रहे हैं QR कोड तकनीक आज की चीज हैं और ये आपके दौर में बना होगा. लेकिन ऐसा नहीं है, QR कोड का जन्म 1994 में आज से तीन दशक पहले ही हो गया था.

इसे बनाया था डेंसो वेव (Denso Wave) नाम की जापानी कंपनी के एक इंजीनियर मासाहीरो हारा नाम के व्यक्ति ने. इसे सबसे पहले जापान में कार मैन्युफैक्चरिंग के दौरान पार्ट्स को ट्रैक करने के लिए बनाया गया था ताकि हर पार्ट की जानकारी जल्दी से मिल सके और काम आसान हो जाए.

QR कोड और बारकोड में क्या अंतर है?

डेटा कैपेसिटी: आकार अलग होने से डेटा कैपेसिटी में फर्क आ जाता है. बारकोड में केवल सीमित जानकारी ही स्टोर हो सकती है जबकि QR कोड हर दिशा में डेटा स्टोर कर सकता है, जिससे इसमें काफी ज्यादा डेटा आ सकता है.

स्कैनिंग स्पीड: QR कोड को डिजाइन ही इस तरह से किया गया है कि इसे स्कैन करने में समय बहुत कम लगता है. बारकोड स्कैनिंग थोड़ा धीमा हो सकता है क्योंकि इसमें लाइन-बाय-लाइन स्कैन करना होता है.

आकार: बारकोड लम्बा होता है, जबकि QR कोड चौकोर होता है. QR कोड को छोटे साइज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

रिकवरी कैपेसिटी: QR कोड में एरर करेक्शन तकनीक होती है, जिससे अगर QR कोड का कुछ हिस्सा खराब हो जाए या कट जाए, तो भी इसे स्कैन किया जा सकता है. बारकोड में ऐसी सुविधा नहीं होती है.

QR कोड की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये सस्ता, तेज और बहुत ज्यादा डेटा स्टोर करने में सक्षम होता है. इसकी स्कैनिंग टेक्नोलॉजी आसान और यूजर फ्रेंडली है, जिससे ये हर किसी के लिए उपयोगी बन गया है.