साइबर अपराधियों के जाल में फंसे रिटायर्ड IAS, लालच में गंवाए 3.37 करोड़, ऐसे हुए शिकार

तेलंगाना के सोमाजीगुड़ा में एक 72 वर्षीय रिटायर्ड IAS अधिकारी से 3.37 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई. Image Credit: FREE PIK

Retired IAS Officer Cyber Scam: साइबर अपराधियों के चंगुल से आम से लेकर के खास कोई भी सुरक्षित नहीं है. तेलंगाना के सोमाजीगुड़ा इलाके में रहने वाले 72 वर्षीय रिटायर्ड IAS अधिकारी भी एक बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए. आरोपियों ने उन्हें एक फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग ऐप के जरिए हाई रिटर्न्स का झांसा देकर 3.37 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. अधिकारी ने यह शिकायत तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) में दर्ज कराई है. आरोपियों ने खुद को इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बताया और WhatsApp के जरिए लगातार शेयर बाजार की जानकारी और सुझाव देकर विश्वास हासिल किया.

फर्जी ऐप से हुई ठगी

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने एक लिंक के जरिए पीड़ित को APK फाइल डाउनलोड करवाई, जिससे एक प्रोफेशनल दिखने वाला ऐप ‘Dhani Securities’ इंस्टॉल हुआ. यह ऐप असल में पूरी तरह फर्जी था, लेकिन इसका डिजाइन और इंटरफेस असली ट्रेडिंग ऐप जैसा ही था. आरोपी अर्जुन रमेश मेहता ने खुद को इस कंपनी का चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर बताया और निवेश से 90 फीसदी मुनाफे का भरोसा दिया.

WhatsApp पर देते थे इंवेस्टमेंट टिप्स

ठगों ने अधिकारी को विश्वास में लेने के लिए WhatsApp पर रोजाना शेयर बाजार से जुड़ी जानकारियां और निवेश की सलाह भेजी. उन्होंने म्यूचुअल फंड, IPO और ऑप्शन्स ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का झांसा दिया. मार्च से मई 2025 के बीच अधिकारी ने कई बार ट्रांजैक्शन किए, जिनकी राशि 28,568 रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक रही और कुल मिलाकर 3.37 करोड़ रुपये की ठगी हुई.

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ऐसे हुआ पर्दाफाश

ठगी का खुलासा तब हुआ जब अधिकारी ने ऐप में दिख रहे 22 करोड़ रुपये के कथित मुनाफे को निकालना चाहा. तब आरोपियों ने पैसे रिलीज करने के लिए और 33.5 लाख रुपये की मांग की. इस पर अधिकारी को शक हुआ और उन्होंने तुरंत साइबर ब्यूरो से संपर्क किया. अब पुलिस ने BNS की धारा 318(4), 319(2), 338 और IT एक्ट की धारा 66-D के तहत मामला दर्ज कर लिया है और बैंक ट्रांजैक्शन की जांच जारी है.