साझा चैट का दौर शुरू! जल्द ही WhatsApp से Arattai यूजर्स को भेज सकेंगे मैसेज, जानिए क्या है अपडेट
WhatsApp और Arattai जैसी ऐप्स के बीच इंटरऑपरेबिलिटी की दिशा में यह बड़ा कदम है। अगर यह फीचर भारत में आता है, तो चैटिंग की दुनिया में क्रांति आ सकती है, जहां एक ऐप से दूसरे ऐप पर बिना झंझट मैसेज भेजना संभव होगा.
भारत में बनी चैटिंग ऐप Arattai, जिसे चेन्नई स्थित कंपनी Zoho ने बनाया है, अब WhatsApp जैसी बड़ी ऐप्स को टक्कर दे रही है. हाल ही में Arattai ने रिकॉर्ड डाउनलोड हासिल किए. कंपनी के फाउंडर श्रीधर वेंबू ने कुछ समय पहले कहा था कि चैटिंग ऐप्स को एक-दूसरे से कनेक्ट होना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे UPI ऐप्स एक-दूसरे से काम करते हैं. अब ऐसा लगता है कि WhatsApp उसी दिशा में काम कर रहा है. WaBetaInfo की रिपोर्ट के मुताबिक, WhatsApp एक नए फीचर की टेस्टिंग कर रहा है, जिससे यूजर्स दूसरे चैट प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद लोगों को मैसेज भेज सकेंगे.
क्या WhatsApp से Arattai यूजर्स को भेज सकेंगे मैसेज?
रिपोर्ट के मुताबिक, WaBetaInfo ने बताया है कि WhatsApp एक नए फीचर की टेस्टिंग कर रहा है, जिससे यूजर्स दूसरे चैट प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद लोगों को मैसेज भेज सकेंगे. अभी यह फीचर यूरोप के कुछ बीटा टेस्टर्स के लिए उपलब्ध है. यानी आने वाले समय में WhatsApp यूजर Arattai जैसे ऐप्स के यूजर्स को सीधे WhatsApp से ही मैसेज भेज पाएंगे, बिना दूसरी ऐप खोले.
श्रीधर वेंबू का सुझाव और UPI जैसा मॉडल
सितंबर 2025 में Zoho के फाउंडर श्रीधर वेंबू ने सुझाव दिया था कि सभी चैटिंग ऐप्स को एक कॉमन मैसेजिंग प्रोटोकॉल पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा था ये सिस्टम UPI और ईमेल की तरह इंटरऑपरेबल होने चाहिए, न कि WhatsApp की तरह बंद सिस्टम. हम कभी भी मोनोपॉली नहीं चाहते. वेंबू का मानना था कि अगर चैटिंग ऐप्स एक-दूसरे से जुड़ जाएंगे तो यूज़र्स को एकसमान अनुभव मिलेगा और एक ही ऐप पर निर्भरता खत्म होगी.
WhatsApp को क्यों लानी पड़ी यह सुविधा?
वैसे तो देखने में लगता है कि WhatsApp ने यह कदम वेंबू की सोच से पहले उठा लिया, लेकिन असल वजह यूरोपीय यूनियन (EU) के Digital Markets Act (DMA) से जुड़ी है. इस कानून का मकसद बड़ी टेक कंपनियों के मोनोपॉली को खत्म करना है. इसके तहत WhatsApp जैसी बड़ी मैसेजिंग ऐप्स को दूसरी सर्विसेज के लिए ओपन कम्युनिकेशन चैनल देना जरूरी है.
फिलहाल WhatsApp ने केवल एक थर्ड-पार्टी ऐप BirdyChat के साथ यह फीचर टेस्ट किया है. जो डेवलपर्स WhatsApp के साथ जुड़ना चाहते हैं, उन्हें एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड्स पूरा करना होगा.
Arattai में अभी नहीं है एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन
रिपोर्ट के अनुसार, Arattai में अभी End-to-End Encryption नहीं है, जबकि WhatsApp यह सुविधा पहले से देता है. हालांकि Zoho ने कहा है कि वह जल्द ही इस फीचर को अपने प्लेटफॉर्म में शामिल करेगा ताकि यूजर्स की प्राइवेसी सुरक्षित रहे. फिलहाल WhatsApp का यह क्रॉस-कम्पैटिबिलिटी फीचर केवल यूरोपियन मार्केट तक सीमित है. कंपनी ने अभी तक भारत में इसे लॉन्च करने या टेस्ट करने को लेकर कोई बयान नहीं दिया है.
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