अब ओमान लेगा इनकम टैक्स, सऊदी-UAE-कतर में जीरो टैक्स, फिर क्यों किया ऐसा, भारत को नुकसान !
ओमान 2028 से अपने नागरिकों पर आयकर लगाने वाला खाड़ी क्षेत्र का पहला देश बन जाएगा. यह कदम देश की तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था को कम करने की दिशा में उठाया गया है. कर केवल उच्च आय वालों पर लागू होगा, जिससे प्रवासी भारतीयों सहित हाई-पेड वर्कर्स प्रभावित हो सकते हैं. इससे भारत को मिलने वाली रेमिटेंस में भी गिरावट आने की आशंका है, क्योंकि ओमान में करीब 6.8 लाख भारतीय नागरिक काम कर रहे हैं.

Income Tax In Oman: साल 2028 से ओमान के नागरिक इनकम टैक्स के दायरे में आ जाएंगे. अभी तक यहां किसी भी प्रकार का आयकर कानून लागू नहीं था. गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) समूह के देशों में ओमान एकमात्र ऐसा मुल्क बनने जा रहा है, जो अपने नागरिकों को इनकम टैक्स के दायरे में लाने की योजना बना रहा है. ओमान के सुल्तान का यह कदम कच्चे तेल पर देश की निर्भरता कम करने के लिए उठाया गया है. खाड़ी देशों में आयकर कानून नहीं होने के कारण, ये देश श्रमिकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बने हुए हैं. इसलिए सुल्तान का यह फैसला ना सिर्फ ओमान के नागरिकों के लिए, बल्कि हाई-पेड वर्कर्स के लिए भी चिंता का कारण हो सकता है, क्योंकि अब उन्हें अपनी कमाई का एक हिस्सा आयकर के रूप में देना होगा.
कितना होगा इनकम टैक्स?
ब्लूमबर्ग ने रविवार देर रात सरकारी ओमानी समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि 5 फीसदी कर केवल 9 लाख 65 हजार (42,000 रियाल) और उससे अधिक की वार्षिक आय पर लागू होना है. यह लगभग शीर्ष 1 फीसदी आय वालों को प्रभावित करेगा. ओमान कई वर्षों से आयकर पर विचार कर रहा है. 2020 में ओमान ने सार्वजनिक ऋृण में कटौती करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया था.
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GCC के किन देशों में कितना है कर?
GCC के देश | इनकम टैक्स |
---|---|
ओमान | 5% , लागू (2028 से) |
सऊदी अरब | 0% |
संयुक्त अरब अमीरात | 0% |
कुवैत | 0% |
कतर | 0% |
बहरीन | 0% |
ओमान ने क्यों उठाया यह कदम?
जीसीसी समूह के देशों का पब्लिक एक्सपेंडिचर हमेशा से कच्चे तेल से अर्जित राजस्व पर निर्भर रहा है. ओमानी न्यूज एजेंसी के अनुसार, अक्टूबर 2024 के अंत तक ओमान के कच्चे तेल के निर्यात का मूल्य 8,422 मिलियन ओमानी रियाल था, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 6.1 फीसदी अधिक है. अक्टूबर 2023 के अंत की तुलना में रिफाइंड ऑयल निर्यात का मूल्य 154.8 फीसदी बढ़कर 3,278 मिलियन ओमानी रियाल हो गया. इसी निर्भरता को कम करने के लिए ही यह फैसला लिया गया है.
भारत पर क्या होगा असर?
वित्त वर्ष 2024 में भारत को ओमान से 20,875 करोड़ रुपये रेमिटेंस के रूप में मिले हैं. ओमान में आयकर लगने से इसमें कमी आ सकती है. विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार ओमान में 6,86,635 भारतीय रह रहे हैं. ओमान के इस फैसले से मुल्क में रह रहे भारतीयों पर असर होगा और भारत को मिलने वाली रेमिटेंस में कमी आ सकती है.
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