टैरिफ विवाद के बीच भारत-अमेरिका में बड़ी डील, 88 अरब की डिफेंस डील तय; तेजस के लिए खरीदे जाएंगे इंजन

HAL अब GE के साथ F414 इंजनों के लिए भी बात कर रहा है. ये इंजन LCA Mk2 और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए होंगे. HAL चाहता है कि GE 80 फीसदी तकनीक भारत को दे, ताकि भारत अपने दम पर और इंजन बना सके. यह भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है.

तेजस Image Credit: Instagram

113 GE-404 engine deal: भारत और अमेरिका जल्द ही एक बड़ा डील करने वाले हैं. इसकी कीमत लगभग 1 अरब डॉलर (लगभग 8878 करोड़ रुपये) होगी. यह डील अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ 113 F404-IN20 फाइटर जेट इंजनों के लिए होगा. यह डील भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk1A के लिए 113 इंजनों का है. इनमें 68 सिंगल-सीट फाइटर जेट और 29 ट्विन-सीट ट्रेनर जेट शामिल हैं. इन इंजनों की डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी और अगले छह साल में पूरी होगी. HAL ने पहले ही भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस जेट के लिए 99 इंजनों की डील की है. अब इस नए डील से भारत की रक्षा क्षमता और मजबूत होगी.

HAL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने क्या कहा?

ANI से बात करते हुए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. डीके सुनील ने बताया कि यह डील अक्टूबर 2025 तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा, “हम अक्टूबर में इस सौदे पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद कर रहे हैं. डील की कीमत तय हो चुकी है और अब हम केवल कुछ छोटी-मोटी बातों को अंतिम रूप दे रहे हैं.” डॉ. सुनील ने बताया कि HAL ने तीन तेजस Mk1A विमान तैयार कर लिए हैं और ये अंतिम परीक्षण के बाद अक्टूबर में वायुसेना को सौंपे जाएंगे.

HAL का लक्ष्य है कि 2032-33 तक 180 तेजस विमान बनाकर वायुसेना को दे दिए जाएं. इन विमानों में F404-IN20 इंजन लगाए जाएंगे. यह तेजस Mk1A को शक्ति देंगे. यह विमान हवा में रक्षा, समुद्री निगरानी और हमले जैसे कई काम कर सकता है. यह पुराने मिग-21 विमानों की जगह लेग.

विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करना है लक्ष्य

HAL अब GE के साथ F414 इंजनों के लिए भी बात कर रहा है. ये इंजन LCA Mk2 और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए होंगे. HAL चाहता है कि GE 80 फीसदी तकनीक भारत को दे, ताकि भारत अपने दम पर और इंजन बना सके. यह भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है. इसका लक्ष्य विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करना है.

इस डील से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध और मजबूत होंगे. डॉ. सुनील ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता या टैरिफ का इस सौदे पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह डील HAL की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाएगा और भारत को साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में मदद करेगा.

डील से हजारों नौकरियां होंगी पैदा

इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ 97 LCA Mk1A विमानों के लिए 62370 करोड़ रुपये का एक और बड़ा डील किया है. यह सौदा भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने वाला है, क्योंकि तेजस Mk1A में 70 फीसदी हिस्सा भारत में बना है. इसमें उन्नत तकनीक जैसे UTTAM AESA रडार भी शामिल है.

इस डील से हजारों नौकरियां पैदा होंगी, क्योंकि 50 फीसदी सामग्री भारतीय निजी कंपनियों से ली जाएगी. इससे भारत की स्वदेशी सप्लाई चेन को भी बढ़ावा मिलेगा. HAL ने अब तक 10 तेजस विमान बना लिए हैं और 11वां विमान तैयार है. GE ने इंजन सप्लाई करने का वादा किया है.

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