अमेरिका में सबसे ज्यादा कमाते हैं भारतीय, चीनी और जापानी भी रह गए पीछे, जानें कितनी है कमाई

अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोग एशियाई समुदायों में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले ग्रुप बन गए हैं. उनकी एवरेज वार्षिक घरेलू आय 1,51,200 डॉलर है जो चीनी और जापानी अमेरिकियों की तुलना में करीब 40 फीसदी अधिक है. इसी के साथ शिक्षण क्षेत्र में भी भारतीय अमेरिकीयों का दबदबा है.

भारतीय अमेरिकी लोगों की कमाई Image Credit: @Money9live

Indian American People: अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने कमाई के मामले में सभी एशियाई देशों को पीछे छोड़ दिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अमेरिकियों की एवरेज ईयरली डोमेस्टिक इनकम 1,51,200 डॉलर (तकरीबन 1.29 करोड़ रुपये) है जो अमेरिका में रहने वाले किसी भी एशियाई देशों से सबसे ज्यादा है. यह इनकम चीनी और जापानी अमेरिकियों की इनकम से 40 फीसदी ज्यादा है. इस रिपोर्ट से साफ है कि भारतीय अमेरिकी न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हैं बल्कि उन्होंने अपनी मेहनत और शिक्षा के दम पर यह मुकाम हासिल किया है.

एशियाई लोगों की बढ़ रही संख्या

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2013 तक अमेरिका में करीब 2.5 करोड़ एशियाई लोग रह रहे थे जो 2000 की तुलना में दोगुने से ज्यादा है. 2023 तक अमेरिका की कुल आबादी में एशियाई लोगों की हिस्सेदारी बढ़कर 7.4 फीसदी हो गई जो 2000 में सिर्फ 4.2 फीसदी हुआ करती थी. अमेरिका में रहने वाले एशियाई देशों में सबसे बड़ा ग्रुप चीनी अमेरिकियों का है. वह आंकड़ों में 22 फीसदी हैं. इसके बाद भारतीय अमेरिकी 21 फीसदी और फिलिपिनो अमेरिकी 19 फीसदी हैं. वियतनामी अमेरिकी 9 फीसदी, कोरियाई अमेरिकी 8 फीसदी, जापानी अमेरिकी 7 फीसदी और पाकिस्तानी अमेरिकी 3 फीसदी हैं. यह विविधता अमेरिका में एशियाई देशों की बढ़ती मौजूदगी को दर्शाती है.

आप्रवासियों की संख्या में आई गिरावट

रिपोर्ट के मुताबिक, समय के साथ अमेरिका में एशियाई देशों में आप्रवासियों यानी एमिग्रेंट्स की हिस्सेदारी कम हुई है. साल 2000 में 63 फीसदी एशियाई लोग आप्रवासी थे, लेकिन 2023 तक यह आंकड़ा घटकर 54 फीसदी रह गया. भारतीय अमेरिकियों में भी आप्रवासियों की हिस्सेदारी 72 फीसदी से कम हो गई है. इसका मतलब है कि अब ज्यादा भारतीय अमेरिकी वहां जन्म ले रहे हैं और अमेरिका में ही अपनी जड़ें जमा रहे हैं.

शिक्षा क्षेत्र में भी अमेरिकी भारतीयों का डंका

शिक्षा के मामले में भी एशियाई समुदायों में बड़ा अंतर देखने को मिला. ताइवानी अमेरिकियों में 83 फीसदी लोग बैचलर्स या उससे ऊपर की डिग्री रखते हैं. भारतीय अमेरिकियों में यह आंकड़ा 77 फीसदी है, जो दूसरे स्थान पर है. वहीं, भूटानी, बर्मी, लाओशियन और कंबोडियन अमेरिकियों में शिक्षा का स्तर सबसे कम है. इनकम के मामले में भी यह अंतर साफ दिखता है. भारतीय अमेरिकी परिवारों की इनकम सबसे ज्यादा 1,51,200 डॉलर है, जबकि ताइवानी अमेरिकी इस मामले में दूसरे स्थान पर हैं. हालांकि, मंगोलियाई अमेरिकियों में 69 फीसदी लोगों ने बैचलर्स या उससे ऊपर की डिग्री हासिल की है, लेकिन उनकी औसत आय सबसे कम 54,300 डॉलर है.