हार्वर्ड में भारतीय छात्रों को नहीं मिलेगा दाखिला, ट्रंप ने विदेशियों पर लगाई रोक
ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को विदेशी छात्रों को दाखिला देने से रोक दिया है और उसकी फंडिंग भी बंद कर दी है. आरोप है कि हार्वर्ड कैंपस में यहूदी-विरोध, हिंसा और चीन से सहयोग हो रहा है. प्रशासन ने गाजा युद्ध के विरोधी छात्रों पर भी कार्रवाई की है. ऐसे में अभी जो विदेशी छात्र हार्वर्ड में पढ़ रहे हैं, तो उन्हें या तो कहीं और ट्रांसफर करना होगा, या वे अपना लीगल स्टेटस खो देंगे.
Harvard University: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने का सपना देख रहे विदेशी छात्रों के लिए बुरी खबर है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने हार्वर्ड को अब विदेशी छात्रों को दाखिला देने से रोक दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, होमलैंड सिक्योरिटी की सचिव क्रिस्टो नोएम ने आदेश दिया है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) प्रमाणपत्र रद्द किया जाए. इसका मतलब है कि अब हार्वर्ड विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकेगा. जो छात्र पहले से पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें या तो दूसरी यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर होना होगा या अमेरिका में रहने का कानूनी अधिकार खोना पड़ेगा.
ट्रंप प्रशासन ने क्यों लगाया बैन?
क्रिस्टो नोएम ने लेटर के माध्यम से बताया कि ट्रंप प्रशासन हार्वर्ड को उसके कैंपस में हुई कथित हिंसा, यहूदी-विरोध और चीन के कम्युनिस्ट पार्टी के साथ सहयोग के लिए जिम्मेदार मानता है. हार्वर्ड विदेशी छात्रों से मोटी फीस लेकर अरबों डॉलर की एंडोमेंट बढ़ा रहा है, जो कोई अधिकार नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार है.
पहले भी दी गई थी चेतावनी
ट्रंप प्रशासन ने अप्रैल में ही हार्वर्ड को चेतावनी दी थी कि अगर यूनिवर्सिटी संघीय नियमों का पालन नहीं करेगी तो उसका SEVP सर्टिफिकेट रद्द कर दिया जाएगा.
बढ़ते यहूदी-विरोध के आरोप
व्हाइट हाउस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई यूनिवर्सिटी कैंपस में बढ़ते यहूदी-विरोध और पक्षपाती विविधता कार्यक्रमों के विरोध में की गई है.
गाजा युद्ध का विरोध करने वाले छात्रों पर भी कार्रवाई
प्रशासन ने उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा रद्द कर दिए हैं, जो गाज़ा युद्ध के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. सरकार का आरोप है कि ये छात्र फलस्तीनी चरमपंथी संगठनों के समर्थन में थे.
हार्वर्ड बना ट्रंप प्रशासन का मुख्य निशाना
साल 2024 में 53.2 अरब डॉलर की एंडोमेंट के साथ अमेरिका की सबसे अमीर यूनिवर्सिटी हार्वर्ड अब ट्रंप प्रशासन के निशाने पर है. यूनिवर्सिटी ने एडमिशन, हायरिंग और राजनीतिक नीतियों पर संघीय दखल को मानने से इनकार कर दिया था, जिससे सरकार नाराज है.
फंडिंग पर भी लगी रोक
पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड की करीब 2.2 अरब डॉलर की सरकारी फंडिंग रोक दी थी. अब करीब 450 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त कटौती की भी घोषणा की गई है. ट्रंप का आरोप है कि अमेरिकी यूनिवर्सिटी बहुत ज्यादा वामपंथी हो चुकी हैं, जो दाएं सोच वाले लोगों की आवाज को दबाती हैं और अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता देती हैं.
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