किसानों की बढ़ेगी कमाई, सरकार ने उबले चावल पर से हटाया टैक्स
सरकार ने 22 अक्टूबर को उबले चावल पर निर्यात टैक्स को जीरो कर दिया है. इससे पहले उबले चावल के निर्यात पर 10 प्रतिशत टैक्स लगता था.

केंद्र सरकार उबले चावल के निर्यात को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने 22 अक्टूबर को उबले चावल पर निर्यात टैक्स को जीरो कर दिया है. इससे पहले उबले चावल के निर्यात पर 10 प्रतिशत टैक्स लगता था. यह डिसीजन ऐसे समय में लिया गया है जब दुनिया के सबसे बड़े अनाज निर्यातक देश में भंडार बढ़ गया है. साथ ही देश में प्रचुर मानसूनी बारिश के बाद बंपर फसल होने की संभावना है. बता दें कि पिछले महीने टैक्स को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया था. इसके बाद मंगलवार को इसे शून्य कर दिया गया है.
सितंबर में सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को भी फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी थी. अधिकारियों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत से चावल की बड़ी खेप आने से पूरी दुनिया की आपूर्ति बढ़ेगी. साथ ही पाकिस्तान, थाईलैंड और वियतनाम जैसे अन्य प्रमुख निर्यातकों को अपनी कीमतों को कम करने के लिए मजबूर होने पड़ेगा.
सरकार द्वारा लिए गए फैसलें इस प्रकार है
- उबले चावल पर निर्यात टैक्स को जीरो कर दिया गया है.
- पहले उबले चावल के निर्यात पर 10 प्रतिशत टैक्स लगता था.
- भारत ने भूसी वाले भूरे चावल और चावल धान पर भी 10 प्रतिशत निर्यात शुल्क को समाप्त किया है.
Indian Rice Exporters Association के उपाध्यक्ष देव गर्ग ने इसपर बात करते हुए कहा कि उबले चावल पर निर्यात टैक्स हटाने का निर्णय नए सीजन की फसल के प्रति सरकार के विश्वास को दर्शाता है. वहीं चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष बी.वी. कृष्ण राव ने कहा कि उबले चावल का टैक्स फ्री इंपोर्ट मूल्य के प्रति संवेदनशील अफ्रीकी खरीदारों को भारत से खरीद बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
यहीं नहीं इसके साथ ही भारत ने भूसी वाले भूरे चावल और चावल धान पर भी 10 प्रतिशत निर्यात शुल्क को समाप्त कर दिया है. ऐसे में किसानों के लिए यह दोहरी खुशखबरी है.
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