भारत-चीन बढ़ाने जा रहे पाम ऑयल की मांग, क्या कीमत में उछाल का किसानों को मिलेगा फायदा?

भारत और चीन की तरफ से पाम ऑयल की की आक्रमक खरीद किए जाने का अनुमान है. इसकी वजह से पाम ऑयल की डिमांड में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है. हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि क्या इस मांग की वजह से कीमतें बढ़ेंगी का फायदा किसानों को मिलेगा या नहीं.

खाद्य तेल Image Credit: Getty image

भारत खाद्य तेलों की आपूर्ति के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है. देश में खाद्य तेलों की कीमत स्थिर रहें इसके लिए केंद्र सरकार ने हाल में ही कच्चे खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती का ऐलान किया है. वहीं, चीन में भी इस तरह के कदम उठाए गए हैं. इस तरह दुनिया में खाद्य तेलों के दो सबसे बड़े उपभोक्ताओं की तरफ से यह साफ संकेत दे दिया गया कि आने वाले दिनों में खाद्य तेलों की डिमांड बढ़ने वाली है. खासतौर पर दोनों देशों की तरफ से पाम ऑयल की आक्रमक खरीद की जा सकती है.

कितना पहुंच सकता है भाव?

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक खाद्य तेल उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले दिनों पाम ऑयल के दाम में आई कमी की वजह से भारत और चीन में पाम ऑयल की मांग बढ़ने की उम्मीद है. मलेशिया में पाम ऑयल की कीमतें पिछले साल लगभग 20 फीसदी तक बढ़ीं, लेकिन इस साल अब तक लगभग 12 फीसदी तक कम हो गई हैं. जून से अगस्त के बीच के लिए दोनों देशों के बड़े बायर्स की तरफ से पाम ऑयल के बड़े ऑर्डर दिए गए हैं. ऐसे में पाम ऑयल की कीमत 78,865 रुपये से 84,931 रुपये प्रति मीट्रिक टन के बीच रहने की उम्मीद है.

क्या है एक्सपर्ट की राय?

रिपोर्ट में सलाहकार फर्म ग्लेनौक इकोनॉमिक्स के प्रबंध निदेशक जूलियन मैकगिल कहते हैं कि शॉर्ट टर्म में पाम ऑयल की कीमत में हल्का उछाल देखा जा सकता है. क्योंकि, भारत और चीन की तरफ से भारी खरीदारी देखने को मिल रही है. हालांकि, अगले साल इससे पाम ऑयल के दाम में कोई भारी बढ़ोतरी की चिंता नजर नहीं आती है. इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर से भारतीय खरीदारों की तरफ से पाम ऑयल की खरीद में लगातार गिरावट देखने को मिली. लेकिन, अब भारतीय खरीदारों की मांग भी बढ़ रही है.

क्या किसानों को मिलेगा फायदा?

अगर भारतीय किसानों के नजरिये देखा जाए, तो इसका उन्हें कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है. बल्कि, पाम ऑयल के कम कीमत पर आयात में बढ़ोतरी का उन्हें नुकसान हो सकता है. क्योंकि, भारत के किसान पाम ऑयल का उत्पादन नहीं करते हैं. मोटे तौर पर इसका आयात ही किया जाता है. वहीं, आयात से खासतौर पर उन देशों के स्टॉकिस्ट को फायदा मिलेगा, जिन्होंने बड़ी तादाद में इसे जमा कर रखा है.

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