किसानों की सुविधा के लिए ISRO का नया प्लान, अब जियो-पोर्टल पर आसानी से जान सकेंगे मौसम और फसल का हाल!

ISRO ने लगातार बदलते मौसम में फसलों की सुरक्षा के लिए एक नया पोर्टल लॉच किया हैं. जो अब किसानों के लिए कारगर साबित होगा, जैसे धूप में अचानक बारिश के होने से किसानों के फसलों को काफी नुकसान होता हैं. जियो-पोर्टल पर बदलते मौसम कि सूचना अब समय से पहले किसानों को मिल जाएगी.

किसान और जियो पोर्टल Image Credit: @TV9

क्लाइमेट चेंज से हर बार अचानक मौसम में होते बदलाव से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जैसे धूप में अचानक बारिश के होने से किसानों के फसलों को काफी नुकसान होता हैं. लेकिन अब उससे निपटने के लिये ISRO ने लगातार बदलते मौसम में फसलो की सुरक्षा के लिए एक नया पोर्टल लॉच किया हैं, जो अब किसानों के लिये कारगर साबित होगा.

वहीं राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह के अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने किसानों की सुविधा और खेती बाड़ी करने में सहूलित बढ़ाने के लिये जियो-पोर्टल विकसित किया है. इसमें बड़ी आसानी से किसान अपने क्षेत्र में क्या मौसम है और आने वाले समय में कैसा मौसम होगा यह जान सकेंगे. इसके साथ ही किसान सूखा और बारिश का भी पता लगा सकते हैं.

जियो- पोर्टल कितना उपयोगी है?

शनिवार, 23 अगस्त को नई दिल्ली में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह के सत्र को वर्चुअली संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, किसानों के समर्थन और मदद के लिए भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के योगदान का सराहना जितना किया जाए उतना ही कम है.
मंत्री ने कहा कि सरकार को अब फसल नुकसान के सटीक आंकड़े प्राप्त होते हैं, उपग्रह आधारित रिमोट सेंसिंग पर प्रकाश डालते हुए उन्होने बताया यह तकनीक फसल बीमा योजना के तहत किसानों को सटीक मुआवजा दिलाने में काफी मददगार साबित होगी.

इसके साथ भारतीय वैज्ञानिक नई तकनीक पर काम कर रहे हैं जो फसलों की तस्वीरों का विश्लेषण करके फसल कीटों का पता लगा सकती हैं जिससे फसलों को बचाया जा सकता हैं. मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अंतरिक्ष विज्ञान बढ़ते तापमान, तूफान या सूखे के दौरान समय पर चेतावनी देने में सहायता करता है. जिससे आपदा प्रबंधन और फसल सुरक्षा में मदद मिलती है.

किसान काफी आसानी से खेती से जुड़े अपडेट्स जियो पोर्टल से पा सकेंगे. जिसमें सूखा, वर्षा, मौसम की की सूचना शामिल है. साथ ही किसानों को अपनी फसलों की योजना अधिक प्रभावी ढंग से बनाने में मदद मिलेगी.

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