ईडी ने एनसीआर में अवैध कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, अमेरिकी नागरिकों से 130 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप
ईडी ने एनसीआर में अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर अमेरिकी नागरिकों से 130 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा किया. प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा और गुरुग्राम में छापेमारी करते हुए आरोपियों के 30 बैंक खाते फ्रीज किए, 8 लग्जरी कारें और कीमती घड़ियां जब्त कीं. जांच में सामने आया कि आरोपियों ने टेक सपोर्ट स्कैम के जरिए पीड़ितों के बैंक खातों तक अनधिकृत पहुंच बनाई और पैसों को खातों में ट्रांसफर किया.

ED raid: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी घोटाले का भंडाफोड़ किया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एजेंसी ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि उसने दिल्ली और गुरुग्राम में उन आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की है, जो अवैध कॉल सेंटरों के जरिए अमेरिकी नागरिकों को लगभग 130 करोड़ रुपये की रकम ठगने में शामिल थे. यह कार्रवाई 20 अगस्त को की गई थी. ईडी की इस कार्रवाई ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध के तार खोले हैं, जिसमें आरोपी तकनीकी सहयोग का झांसा देकर विदेशी नागरिकों को निशाना बना रहे थे और उनकी कमाई से आलीशान जीवन जी रहे थे.
एजेंसी के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, “आरोपी कथित तौर पर साइबर घोटाले के जरिए अवैध रूप से अर्जित धन से खरीदे गए आलीशान घरों में रहते हैं. उन्होंने अपराध की कमाई से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की कई संपत्तियां भी अर्जित की हैं.”
सीबीआई की एफआईआर से शुरुआत
यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी से उपजा है. सीबीआई के मुताबिक, आरोपियों ने नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 तक की अवधि में एक आपराधिक साजिश के तहत दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में गैरकानूनी कॉल सेंटर संचालित किए. इन केंद्रों का मुख्य लक्ष्य अमेरिकी नागरिकों को “तकनीकी धोखाधड़ी” (Tech Support Scam) का शिकार बनाना था.
ऑपरेशन का तरीका
ईडी ने जांच में पाया कि मुख्य आरोपी अर्जुन गुलाटी, दिव्यांश गोयल और अभिनव कालरा ने नोएडा और गुरुग्राम में इन अवैध कॉल सेंटरों को चलाया. आरोप है कि वे अमेरिकी नागरिकों से संपर्क करके स्वयं को प्रतिष्ठित टेक कंपनियों के सहयोग केंद्र के रूप में पेश करते थे. तकनीकी समस्या का बहाना बनाकर वे पीड़ितों के कंप्यूटरों तक अनधिकृत पहुंच हासिल कर लेते थे.
इस पहुंच का इस्तेमाल करके वे पीड़ितों के बैंक खातों तक पहुंच बनाते और पैसों का हेरफेर करते थे. ठगी की गई रकम को पहले कई विदेशी खातों में स्थानांतरित किया जाता था और फिर उसे भारत में 200 से अधिक अलग-अलग बैंक खातों में डाला जाता था. इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग करना और उसके स्रोत को छुपाना था.
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छापेमारी में बरामदगी और कार्रवाई
20 अगस्त को की गई छापेमारी की कार्रवाई में ईडी की टीम ने आरोपियों से जुड़े कई परिसरों की तलाशी ली. इस दौरान एजेंसी ने जिन प्रमुख सामानों को बरामद किया, वे इस प्रकार हैं:
- आरोपियों के 30 बैंक खातों को फ्रीज किया गया, जिनमें ठगी की गई रकम जमा थी.
- 8 महंगी लग्जरी कारों को जब्त किया गया, जिन्हें आरोपियों ने अवैध रूप से अर्जित धन से खरीदा था.
- कई कीमती घड़ियों और अन्य संपत्तियों को भी जब्त किया गया.
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