दिवाली पर आंसू निकालेगा प्याज, दाम कम होने के आसार नहीं, जानिए कितनी है कीमत
दिवाली में खाने का जायका खराब करने के लिए प्याज तैयार है. इसकी कीमत में बढ़ोतरी हो रही है और दाम कम होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. कई जगहों पर बारिश की वजह से फसल खराब हो गई है, जिससे कीमतें आसमान छू रही हैं.

त्योहारों के मौसम में खाने का जायका बिगाड़ने के लिए प्याज तैयार है क्योंकि इसके दाम में कमी आने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में प्याज की फसल बर्बाद हो गई है और इसमें 10 से 15 दिन की देरी हुई है, जिससे दीवाली के दौरान प्याज की कीमतें ऊंची ही रहने वाली हैं.
अभी क्या है प्याज की कीमत?
नासिक में प्याज की थोक कीमत पिछले एक महीने से 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम पर बरकरार है, वहीं खुदरा मूल्य की बात करें तो फिलहाल यह 60-80 रुपये प्रति किलोग्राम है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्याज, टमाटर और खाना बनाने के तेल की कीमतों के कारण सितंबर 2024 में मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) के आंकड़े नौ महीने के उच्च स्तर 5.49% पर पहुंच गए और यही स्थिति अक्टूबर में भी जारी रह सकती है. हालांकि, अगस्त में मुद्रास्फीति पांच साल के निचले स्तर 3.65% पर आ गई थी, लेकिन फूड इंफ्लेशन अगस्त में 5.66% से बढ़कर सितंबर में 9.24% हो गई है.
क्या कहना है किसानों का?
रिपोर्ट में महाराष्ट्र के प्याज निर्यातक विकास सिंह के हवाले से कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में बारिश हो रही है, वहां खरीफ प्याज की कटाई में देरी हो रही है, जिससे प्याज की कीमतें कम से कम दो से तीन सप्ताह तक स्थिर रह सकती हैं. रिपोर्ट के अनुसार, महंगे होते प्याज की कीमतों के जवाब में सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपने बफर स्टॉक से प्याज की खुदरा बिक्री शुरू कर दी है.
इसके अलावा, परिवहन शुल्क कम करने और उत्तर भारत में सप्लाई बढ़ाने के लिए नासिक से दिल्ली तक प्याज पहुंचाने के लिए ‘कांडा ट्रेन’ का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. सिर्फ सब्जियों में ही नहीं, बल्कि सितंबर में खाद्य तेल की कीमतों में भी पहली बार बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि आयात शुल्क में वृद्धि की गई है.
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